नहर में कचरा आने से आसपास के किसान परेशान
1/17/2022 2:21:48 PM
होशंगाबाद (गजेन्द्र राजपूत): मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा को स्वच्छ और साफ सुथरा रखने के लिए दोनों किनारों पर 5 किमी के दायरे में शराब के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया है. जिसके बाद से ही होशंगाबाद शहर एवं आसपास बड़े स्तर पर शराब का अवैध कारोबार भी शुरू हो गया है. शहर में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. स्थिति इतनी गंभीर है कि अब शराबी नहर किनारे बैठकर शराब का सेवन कर रहे हैं और खाली बोतले सहित पन्नियां पाउच नदी में फेंक रहे हैं. जिससे नहरे भी अब प्रदूषित हो रही है. आखिर बड़े स्तर पर आ रही शराब पर अकुंश क्यों नहीं लग पा रहा है.
नहर के जरिये खेतों में पहुंचता है कूड़ा
पुलिस और आबकारी विभाग जितनी सक्रियता से देशी शराब की भट्टियां सहित अवैध शराब पर कार्रवाई कर रहा है. उसी गति से शराब की विक्रय भी हो रही है. किसानों की फसलों में पानी की पूर्ति करने के लिए नहरों का उपयोग किया जाता है. इन नेहरों में तवा डेम का पानी भेजकर अक्टूबर नवंबर से जिले की सभी माइनरों में छोड़ा जाता है. जिससे छोटे बडे किसानों को अपनी फसलों में सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्तता रहे और पैदावार में कोई कमी न हो. लेकिन यही नहरें शराबियों के लिए कूडेदान बन चुकी है. जो नहरे किसानों के लिए जीवनदायनी होती थी, वहीं ये शराबी इन नहरों में मादक पदार्थ, कूडा, दूषित पन्नियां फैंककर इस पानी को प्रदूषित कर रहे हैं. इसका प्रभाव नहरों से सिचिंत फसलों पर कैसा पड़ेगा यह देखने वाला जबावदार भी कोई नहीं है. वहीं इन शराब की बोतले, पानी पाउच और डिस्पोजल से नहर के कुलावों में जाकर फंस जाते हैं. जिससे किसानों को खेत तक पानी ले जाने में काफी कठिनाईयों को सामना करना पडता है. पाउच और शराब की बोतलों से बार बार नहर के कुलावे चौक हो जाते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा के 5 किमी तक शराब पर प्रतिबंध लगाया है.
किसानों को हो रही है परेशानी
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ जिलाध्यक्ष राकेश गौर ने बताया कि नेहरों में जो शराब और बियर की बोतले होती है. उनसे किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है. नेहरों पर बैठकर शराब पीने वाले शराबी बियरों की कांच की बोतले नहर में डाल देते हैं. वह किसानों के खेतों में नहरों के द्वारा चली जाती है. जिससे पानी देते समय यह कांच की बोतले फूटकर किसानों को गंभीर घाव देती है.