MP में औद्योगिक क्रांति की नई नींव: मोहासा-बाबई बनेगा ग्रीन एनर्जी हब, 56 हजार से अधिक रोजगार के अवसर

Sunday, Oct 19, 2025-08:08 PM (IST)

भोपाल/नर्मदापुरम: मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीति अब केवल दस्तावेजों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर परिवर्तन की मिसाल बन चुकी है। इसी सोच का सशक्त उदाहरण है नर्मदापुरम जिले का मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र, जो अब देश के ग्रीन इंडस्ट्रियल ट्रांजिशन का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री यादव का विजन यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रदेश में स्थापित हर औद्योगिक परियोजना सिर्फ निवेश का प्रतीक न हो, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और हरित विकास का माध्यम बने। मोहासा-बाबई प्रोजेक्ट इसी सोच को व्यवहारिक रूप देते हुए भविष्य की औद्योगिक क्रांति का आधार बन गया है।

औद्योगिक विकास का नया मॉडल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में उद्योग अब केवल शहरों तक सीमित नहीं हैं। जिले और विकासखंड स्तर तक औद्योगिक ढांचा विकसित किया जा रहा है, ताकि स्थानीय युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार और उद्यम के अवसर मिल सकें। यह मॉडल “विकास के विकेंद्रीकरण” को आगे बढ़ा रहा है, जिसमें उद्योगों को स्थानीय संसाधनों, कौशल विकास और पर्यावरणीय संतुलन से जोड़ा जा रहा है।

ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन
राज्य शासन द्वारा मोहासा-बाबई क्षेत्र को ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन फॉर पॉवर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट के रूप में विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री यादव के संकल्प और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग की रणनीति ने इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

फेज-1 : 884 एकड़ में 22 इकाइयाँ, 17,750 करोड़ का निवेश
मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 में 884 एकड़ भूमि पर 22 इकाइयों को 514.50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इनमें लगभग 17,750 करोड़ रुपए के निवेश और 21,777 रोजगार अवसरों का प्रस्ताव है। यू एनर्जी, लेण्डसमिल ग्रीन एनर्जी, और रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग जैसी कंपनियों ने अपने भूखंडों पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

फेज-2 : 9 इकाइयाँ, 39,210 करोड़ का निवेश
फेज-2 में कुल 9 इकाइयों को 551 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। जिनमें 7 विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा विनिर्माण इकाइयाँ और 2 औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई के अंतर्गत हैं। इनमें कुल 39,210.55 करोड़ रुपए का निवेश और 14,777 रोजगार के अवसर हैं।

मुख्य निवेशक और प्रस्ताव

  • सातविक सोलर इंडस्ट्रीज प्रा. लि. – ₹10,000 करोड़ निवेश, 2,500 रोजगार, 185 एकड़ भूमि
  • ग्रेव पीवी प्रा. लि. – ₹5,533 करोड़ निवेश, 1,320 रोजगार, 65 एकड़ भूमि
  • कॉस्मिक पीवी पावर लि. – ₹4,000 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 60 एकड़ भूमि
  • गौतम सोलर पावर प्रा. लि. – ₹4,000 करोड़ निवेश, 4,000 रोजगार, 40 एकड़ भूमि
  • ग्रेव एनर्जी प्रा. लि. – ₹3,997.85 करोड़ निवेश, 1,657 रोजगार, 64 एकड़ भूमि
  • इंटीग्रेटेड बैटरिज इंडिया प्रा. लि. – ₹3,381 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 40 एकड़ भूमि
  • एचईटीआईएच ग्रीन एनर्जी प्रा. लि. – ₹3,298.7 करोड़ निवेश, 2,050 रोजगार, 52 एकड़ भूमि
  • ओरियाना पावर लि. – ₹4,500 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 30 एकड़ भूमि
  • एलेनबेरी इंडस्ट्रियल गैसेज लि. – ₹500 करोड़ निवेश, 250 रोजगार, 15 एकड़ भूमि


आकर्षक रियायतें निवेशकों के लिए

  • फेज-2 में निवेशकों को दी जा रही प्रमुख रियायतें:
  • भूमि मूल्य के केवल 25% प्रीमियम पर भूखंड आवंटन
  • 20 वार्षिक किश्तों में विकास शुल्क भुगतान
  • 100% स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क प्रतिपूर्ति
  • जल आपूर्ति ₹25 प्रति किलोलीटर की दर पर



हरित ऊर्जा का आदर्श केंद्र

मोहासा-बाबई परियोजना हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ सस्टेनेबल इंडस्ट्रीज़ का आदर्श मॉडल बन रही है। यहां स्थापित इकाइयाँ सौर ऊर्जा, बैटरी निर्माण और ऊर्जा उपकरण उत्पादन के माध्यम से भारत की आयात निर्भरता कम करेंगी और मध्यप्रदेश को एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संकल्प है कि हर औद्योगिक परियोजना विकास का नया मानक स्थापित करे और प्रदेश की औद्योगिक पहचान को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाई दे। मोहासा-बाबई प्रोजेक्ट इसी दिशा में मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी औद्योगिक छलांग साबित हो रहा है।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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