अब स्वरूपानंद बोले: हनुमान दलित नहीं ब्राम्हण थे, BJP राममंदिर को लेकर गंभीर नहीं

12/1/2018 5:54:31 PM

जबलपुर: भगवान हनुमान की जाति को लेकर हो रही सियासी बयानबाजी को लेकर अब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी उनकी जाति बताई है। उन्होंने कहा है कि, हनुमान ब्राम्हण थे। तुलसीदास ने हनुमान के बारे में लिखा है कि, कांधे मूज जनेऊ साजे, इसका सीधा सा अर्थ है कि वे ब्राह्मण थे न कि दलित। इसके बाद उन्होंने कहा कि, बीजेपी राममंदिर के निर्माण को लेकर ईमानदार नहीं है। वह सिर्फ 2019 के लोकसभा चुनाव में लाभ हासिल करने के लिए हथकंडे के रूप में इस मुद्दे को उछाल रही है।

PunjabKesari

जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हनुमान को दलित बताए जाने की निंदा करते हुए कहा है कि, त्रेतायुग में दलित शब्द था ही नहीं। सबसे पहले गांधी ने वंचित वर्ग को हरिजन कहकर पुकारा और बाद में मायावती ने दलित शब्द इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इस बीच उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि राममंदिर निर्माण को लेकर संसद को एक प्रस्ताव बनाकर सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करना चाहिए, जिसके आधार पर इस काम में आ रही बाधा को समाप्त किया जाए। लेकिन, भाजपा ऐसा न करके राममंदिर की बात कहकर जनता को भ्रमित कर रही है। 

PunjabKesari

स्वरूपानंद ने आगे कहा कि, जिस ढांचे को बाबरी मस्जिद कहकर ढहाया गया, वह बाबरी मस्जिद थी ही नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि ध्वस्त निर्माण में मंगलकलश और हनुमानजी के चित्र वाली नक्काशी सहित कई अन्य सबूत मिले, जो वहां पहले से हिन्दू धर्मस्थल होने का प्रमाण दे रहे थे। इसके बावजूद भाजपा-आरएसएस सहित उनसे जुड़े हिन्दू संगठनों ने राजनीतिक लाभ के लिए बाबरी का हल्ला मचाया। सत्य तो ये है कि अयोध्या में कभी बाबर पहुंचा ही नहीं तो फिर बाबरी मस्जिद भला कहां से बन गई? इसेक बाद स्वामी स्वरूपानंद ने गुजरात में बनाई गई सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा को लेकर बीजेपी पर तंज कसा कि, यह सरकार सिर्फ पुतले बना सकती है मंदिर नहीं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vikas kumar

Recommended News

Related News