अब दुष्ट, गुंडे, बदमाशों का राजधानी में होगा दमन, हरि के सुदर्शन चक्र से अपराधियों का होगा खात्मा

3/18/2023 3:09:04 PM

भोपाल (विवेक तिवारी): भोपाल में अब दुष्ट, गुंडे बदमाश या तो अपराध से तौबा करेंगे या फिर उनकी जगह जेल में होगी क्योंकि अब राजधानी भोपाल में हरि के सुदर्शन चक्र से अपराधियों का खात्मा होगा। यह बात बिल्कुल सही है। यह वही सुदर्शन चक्र है जिसके जरिए हरिनारायण जबलपुर, खंडवा, बालाघाट, ग्वालियर इंदौर में अपराधियों का खात्मा कर चुके हैं और अब बारी भोपाल की है। भोपाल पुलिस कमिश्नर के रूप में 2003 बैच के आईपीएस ऑफिसर हरिनारायणचारी मिश्रा को कमान दी गई है। हरिनारायणचारी मिश्रा वह आईपीएस ऑफिसर हैं जिनके पास उपलब्धियों का भंडार है। बेहद सरल स्वभाव के हरिनारायणचारी मिश्रा अपराधियों के लिए बेहद कठोर है।

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जब बात कानून व्यवस्था और अपराधियों के दमन की आती है तो वे किसी तरह का समझौता कभी नहीं करते हैं। यही वजह है कि बड़े-बड़े शहरों की कमान हरिनारायणचारी मिश्रा को जो भी सरकार रही देती ही रही है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच समन्वय स्थापित करने वाले मिश्रा कभी विवादों में नहीं रहे हैं। जिस जिले की भी कमान मिली उन्होंने सिर्फ भारत का संविधान आईपीसी और सीआरपीसी ही पढ़ी और उसके अनुरूप ही कानून व्यवस्था का संचालन किया। हरिनारायणचारी मिश्रा का अपराध के खात्मे के लिए अपना अलग ही फॉर्मूला है। उनका ये फॉर्मूला देशभर में चर्चित है, इसकी बानगी ग्वालियर और इंदौर की जनता ने देखी है। गुंडे और बदमाशों का खात्मा करने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्यवाही की, अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने का पहला प्रयोग श्री मिश्रा ने ग्वालियर से शुरू किया और उसके बाद यह सिलसिला इंदौर में भी नहीं थमा था। बड़े-बड़े अपराधी या तो जेल की सलाखों के पीछे चले गए या फिर उन्होंने अपराध से ही तौबा कर ली।

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प्रखर बुद्धि, सरल व्यवहार, हर विषय पर है गहरी पकड़

बीएचयू से अध्ययन करने वाले हरिनारायणचारी मिश्रा बेहद प्रखर बुद्धि के हैं और उनकी बुद्धि का प्रभाव उनके स्वभाव पर भी नजर आता है। वे अपनी सरलता और सादगी से हर किसी का मन मोह लेते हैं। जनता के साथ उनका बेहतर संवाद उनकी लोकप्रियता को सदैव बढ़ाता रहा है। जिस जिले में रहे उस जिले में 24 घंटे फोन पर जनता की समस्या का हल और ऑफिस में किसी भी वक्त जनता उनसे मिल सकती है। जनता के साथ उनका यह अटैचमेंट कानून व्यवस्था में भी हरदम मदद करता है। इंदौर जैसी व्यवसायिक राजधानी में जहां की जनसंख्या मध्य प्रदेश में सबसे बड़ी है। वहां पर कानून व्यवस्था का संचालन करना आसान काम नहीं है लेकिन यहां की संस्कृति, यहां की धरोहर और यहां के मिजाज को समझ कर उसके ही अनुरूप ढल कर कानून व्यवस्था को बेहतर करना और अपराधियों को नेस्तनाबूद करना उनकी इसी काबिलियत को दर्शाता है। अपनी ही काबिलियत के दम पर फील्ड पोस्टिंग उनको सदैव मिलती रही है। कोई भी ऐसा जिला नहीं रहा जहां उन्होंने अपनी कार्यशैली की छाप ना छोड़ी हो। बालाघाट में नक्सलियों का खात्मा, खंडवा में सामाजिक सद्भाव स्थापित करना हो जबलपुर में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए संजीवनी हेल्पलाइन मील का पत्थर साबित हुई तो ग्वालियर में हरिनारायणचारी मिश्रा ने अपराधियों की कमर तोड़ दी और यह सिलसिला इंदौर में भी जारी रहा और अब भोपाल में श्री मिश्रा कानून व्यवस्था को संभालते नजर आएंगे।

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अपराध को खत्म करने का हरी का रोचक फार्मूला

आईपीएस हरीनारायण चारी मिश्रा का अपराध को खात्मे का फार्मूला बेहद रोचक है। वे जिस जिले में भी रहे सबसे पहले उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया। यह बेहद दिलचस्प बात है कि वे जब जिस जिले की कमान संभालते हैं वहां पर भ्रष्टाचार की खबरें कभी नहीं आई यानी आप मान लीजिए कि लोकायुक्त के शिकंजे में कभी कोई थाना प्रभारी या पुलिस अफसर नहीं फंसा। जनता से सीधे संवाद और समस्याओं का तत्काल निराकरण का निर्देश उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को दिया, थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो थाना प्रभारी को लाइन का रास्ता दिखा दिया जाता है। शायद यही वजह है कि जिस जिले की भी उनको कमान मिलती है वहां पर भ्रष्टाचार पुलिस विभाग में नजर नहीं आता है और ऐसी शिकायतें भी नहीं आती है। अगर अपराध के खात्मे की बात हो तो वह सबसे पहले जिले में जाकर वहां के गुंडे बदमाशों पर अंकुश लगाते हैं और उनके पुराने मामलों को निकालकर उन पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है और पुलिस पुराने गुंडे बदमाशों को अपनी रडार में लेती है। उनके धंधों को भी रडार में लिया जाता है और उन पर फिर आर्थिक प्रहार किया जाता है जिससे कि वे किसी भी तरह से अपराध की ओर ना सके। खास बात यह है कि उनके कार्यकाल में जो भी अपराध हुए उसमें अपराधियों को पकड़ा गया है यानी अनसुलझे केस बेहद कम उनके कार्यकाल में रहते हैं। स्वयं वे लगातार हर केस की मॉनिटरिंग करते हैं लिहाजा अपराध नियंत्रण बेहतर होता है। इसके अतिरिक्त अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने का फार्मूला जहां भी जाते हैं वहां चालू रहता है।

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अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में बेहतर संयोजन

किसी भी अंतरराष्ट्रीय आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की भूमिका के रूप में पुलिस सबसे आगे होती है। इंदौर जैसे बड़े शहर की अगर बात करें तो यहां पर हाल ही में प्रवासी भारतीय सम्मेलन हुआ जिसमें बेहतर कानून व्यवस्था नजर आई जिसकी तारीफ प्रवासी भारतीयों ने खुलकर की यानी कि इंदौर की पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा विदेश में भी गूंज रही है। अभी हाल ही में रंग पंचमी में जो गेर निकली उसमें जिस तरह की कानून व्यवस्था दिखी उसकी तारीफ विदेशी नागरिकों ने स्वयं पत्र भेजकर की और वे कमिश्नर से मिलने भी गए और धन्यवाद पत्र सौंपा। यह बेहतर संयोजन ही मिश्रा को काबिल अफसरों में शामिल करता है। अब भोपाल की कमान आईपीएस हरी को दी गई है। यह बेहद महत्वपूर्ण वक्त है। जब 2023 में विधानसभा चुनाव है लिहाजा यह बेहद महत्वपूर्ण पोस्टिंग मानी जा रही है। अब देखना यह होगा कि भोपाल में किस तरह से हरी कानून व्यवस्था को मजबूत करते है।


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Content Writer

meena

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