व्यापम: सरकार के रडार पर अफसर, गृहमंत्री बाला बच्चन ने दिए कार्रवाई के संकेत
1/4/2019 10:31:23 AM
भोपाल: मध्य प्रदेश में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने हर बार व्यापम घोटाले के मुद्दे को उठाया था, लेकिन अब जब सरकार कांग्रेस की है तो व्यापम का जिन्न निकलकर बाहर आ गया है। खुद गृहमंत्री बाला बच्चन ने व्यापम केस से जुड़े पुलिस अफसरों का ट्रांसफर नहीं कर उन पर कार्रवाई करने के संकेत दिये हैं।
व्यापम घोटाले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने प्रेस कॉंफ्रेस करके शिवराज सिंह पर व्यापम घोटाले में शामिल होने और इंदौर थान में व्यापम से जुड़ी एक्सल शीट में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। दिग्विजय सिंह के आरोप थे कि सिस्टम एनालिस्ट नितिम महेंद्र के कंप्यूटर से जब्त की गई हार्ड डिस्क से तैयार की गई एक्सल शीट में छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा था कि जहां-जहां शिवराज का नाम जुड़ा था, वहां-वहां उमा भारती का नाम डाल दिया गया था।
चार माह पहले ही दिग्विजय सिंह ने भोपाल अदालत की स्पेशल कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और इंदौर क्राइम ब्रांच के अधिकारी सहित 18 लोगो के खिलाफ परिवाद दर्ज करवाय था। इस मामले में सबसे पहले जांच इंदौर ब्रांच ने की। इसके बाद एसटीएफ ने आसआईटी की मॉनीटरिंग में जांच को आगे बढ़ाया. विवाद बढ़ने पर मामला सीबीआई के दायरे में पहुंच गई। अब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो उन अफसरों पर सबकी नजर है जिनकी जांच ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने इंदौर क्राइम ब्रांच के तत्कालीन आईज विपिन माहेश्वरी और तत्कालीन एएसपी दिलीप सोनी पर एक्सेल सीट में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा एसटीएफ के एडीजी सुधीर शाही, एएसपी आशीष खरे, एसपी राजेश सिंह चंदेल, डीएसपी पीके तिवारी, डीएसपी गुलाब सिंह राजपूत और डीएसपी अंतर सिंह ने इस मामले की जांच की थी, जिन पर कार्रवाई के संकेत गृहमंत्री बाला बच्चन ने दिए हैं।