CM कमलनाथ के CAA पर दिए गए बयान के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में PIL
Monday, Feb 10, 2020-06:57 PM (IST)

जबलपुर: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बयानबाजी देश की एकता और संप्रुभता के खिलाफ है, ऐसे मामलों को लेकर देश के अन्य न्यायालयों ने मामलों को स्वीकार कर न्यायालीन कार्रवाई शुरू कर दी है। ये तर्क आज मध्य प्रदेश हाईकोर्ट मे हुए एक अहम मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर दिया गया।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अखिल भारतीय मलयाली महासभा समेत अन्य 4 संगठनों की ओर से दायर की गई एक जनहित याचिका में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के उस बयान को चुनौती दी गई है, जिसमें उनके द्वारा प्रदेश में सीएए लागू न करने की घोषण की गई थी। मुख्यमंत्री ने यह बयान बीते साल 25 दिसम्बर को दिया था। मामले को लेकर आज हुई सुनवाई में सरकार की ओर से आपत्ति उठाई गई थी। तर्को को सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से याचिका की संवैधानिकता को लेकर जवाब तलब किया है।
वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि सीएए अब देश का कानून बन गया है, जिसे लेकर कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई मामले स्वीकार कर नोटिस जारी किए गए हैं। याचिका दायर करने की मूल अवधारणा केन्द्रीय कानून के लिए फैलाए जा रहे विरोधाभास को खत्म करना है। बहरहाल याचिकाकर्ता अब अगली सुनवाई में मामले की संवैधानिकता को सिद्ध करने के लिए अपनी दलील रखेंगे। इस दौरान उन्हें इस याचिका के प्रचलनशील होने के लिए न्याय दृष्टांत भी प्रस्तुत करने होंगे।