प्रियंका गांधी वाड्रा को MP से राज्यसभा भेजने की तैयारी, सिंधिया-दिग्विजय भी रेस में शामिल
2/17/2020 12:06:23 PM
भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सीनियर नेताओं के बीच खींचतान लगातार जारी है। वहीं अब इनकी लड़ाई खुलकर जनता के सामने आ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही हैं। इन तल्खियों के बीच कमलनाथ खेमे के कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने एक बड़ा बयान दिया है। मध्यप्रदेश की राजनीतिक गणित एक बार फिर से बदल सकता है। मध्यप्रदेश कांग्रेस में कलह का एक कारण राज्यसभा सीट है।
मध्यप्रदेश के लोकनिर्माण विभाग मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मांग की है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मध्यप्रदेश से राज्यसभा भेजा जाए। सज्जन सिहं वर्मा की इस मांग के बाद मध्यप्रदेश का राजनीतिक गणित बदल सकता है। राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही हैं जिसमें से दो सीट कांग्रेस को मिलने की संभावना है। दिग्विजय सिंह एक बार फिर से राज्यसभा जा सकते हैं। वहीं दूसरे दावेदार के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी शामिल है, लेकिन प्रिंयका गांधी का नाम आने के बाद कौन राज्यसभा जाएगा और कौन नहीं इसको लेकर अटकलें बढ़ने लगी हैं।
दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और इस समय वो केवल राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह एक बार फिर से अपना दावा पेश कर सकते हैं। वहीं अगर दिग्विजय सिंह अपना दावा पेश नहीं करते हैं तो वो पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। अजय सिंह लोकसभा चुनाव में एक रैली के दौरान कह चुके हैं कि अगर मैं हार गया तो कार्यकर्ताओं का क्या होगा क्योंकि पार्टी मुझे तो राज्यसभा भेज देगी। अजय सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी भी माना जा रहा है। अजय सिंह का नाम मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की रेस भी भी आ चुका है।
वहीं कुछ दिन पहले मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयानबाजी को लेकर भी चर्चा हुई है। वहीं सज्जन सिंह वर्मा के बयान के बाद माना जा रहा है कि राज्यसभा सीट को लेकर भी कमलनाथ और सोनिया गांधी के बीच बातचीत हुई है। मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। 3 सीटों का कार्यकाल 2020 में पूरा हो रहा है। जिन सांसदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें कांग्रेस के दिग्विजय सिंह, बीजेपी के प्रभात झा और पूर्व मंत्री सत्य नारायण जाटिया का हैं। बीजेपी के खाते में एक और कांग्रेस के खाते में एक सीट जाएगी, लेकिन तीसरी सीट को लेकर पेंच फंस सकता है। जहां बीजेपी को मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है, जबकि कांग्रेस के पास संख्या बल है।
दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और इस समय वो केवल राज्यसभा सांसद हैं। ऐसे में ये माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह एक बार फिर से अपना दावा पेश कर सकते हैं। वहीं, अगर दिग्विजय सिंह अपना दावा पेश नहीं करते हैं तो वो पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह का नाम आगे बढ़ा सकते हैं। अजय सिंह लोकसभा चुनाव में एक रैली के दौरान कह चुके हैं कि अगर मैं हार गया तो कार्यकर्ताओं का क्या होगा क्योंकि पार्टी मुझे तो राज्यसभा भेज देगी। अजय सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी भी माना जा रहा है। अजय सिंह का नाम मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की रेस भी भी आ चुका है।