सिंधिया बोले- नहीं चाहिए संचार साथी एप तो फोन से तुरंत डिलीट करें, जानें क्या है Sanchar Saathi App?

Tuesday, Dec 02, 2025-04:27 PM (IST)

एमपी डेस्क : केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार साथी एप पर उपजे विवाद के बाद इस एप को वैकल्पिक (optional) बताते हुए अपने फोन से इसे डिलिट करने की बात कही है। उन्होंने संचार एप को लेकर साफ किया है कि यह ऐप अनिवार्य (Compulsory) नहीं है और यूज़र्स इसे अपनी मर्ज़ी से डिलीट कर सकते हैं।

क्या है संचार एप और क्यों शुरु हुआ विवाद

केंद्र सरकार ने 28 नवंबर को सभी मोबाइल कंपनियों को एक निर्देश जारी किया था। जिसमें सभी कंपनियों से कहा था कि वे 90 दिनों के भीतर भारत सरकार की साइबर सुरक्षा से जुड़ी ऐप 'संचार साथी' को सभी फोन्स में इंस्टॉल करें। निर्देशों में इस बात को भी सुनिश्चित करने को कहा गया था कि यूज़र्स इस ऐप को खुद से डिलीट या अनइंस्टॉल न कर सकें।

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विपक्ष ने खड़े किए सवाल 

इस खबर के सामने आते ही विपक्ष और कई नागरिक समूहों ने इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया था। कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेताओं ने सरकार के इस कदम को असंवैधानिक (Unconstitutional) और जनता के आजादी के हक का हनन बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की थी। विरोध करने वालों ने नागरिकों की निजता (Privacy) पर संभावित खतरे और सरकारी निगरानी (Government Surveillance) को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अब केंद्र सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि यूजर्स चाहें तो इस ऐप को डिलीट कर सकते हैं जिससे इस विवाद पर विराम लगने की उम्मीद है।

डिलीट करने का विकल्प खुला

संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा- "अगर आप संचार साथी ऐप नहीं चाहते हैं तो आप इसे डिलीट (Delete) कर सकते हैं। यह ऐप वैकल्पिक (Optional) है।" उन्होंने कहा कि सरकार का कर्तव्य है कि वह इस ऐप को सभी नागरिकों तक पहुंचाए लेकिन इसे अपने डिवाइस में रखना है या नहीं यह पूरी तरह से यूज़र पर निर्भर करता है।

सिंधिया ने दी जानकारी

सिंधिया ने कहा, ‘‘इस ऐप को सब तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। अगर आप इसे हटाना चाहते हैं, तो डिलीट कर दें। अगर आप इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो इस पर पंजीकरण न करें। पंजीकरण करने पर ही यह सक्रिय होगा। अगर आप इसे रजिस्टर नहीं करते, तो यह निष्क्रिय रहेगा।'' सरकार का तर्क है कि यह ऐप किसी फोन की विशिष्ट पहचान को सुनिश्चित करने वाले आईएमईआई नंबर के नकली या फर्जी होने जैसी धोखाधड़ी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। संचार मंत्री ने कहा कि ‘संचार साथी' ऐप को 1.5 करोड़ से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके जरिये अब तक 2.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए जा चुके हैं, करीब 20 लाख चोरी हुए फोन बरामद हुए हैं और 7.5 लाख से अधिक फोन उपयोगकर्ताओं को वापस मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूरसंचार सेवाओं का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी एवं चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं और यह ऐप उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक आवश्यक साधन है। संचार मंत्री ने कहा कि "यह ऐप सार्वजनिक भागीदारी की तरफ एक कदम है। इसमें लोगों को आपत्ति नहीं करनी चाहिए, लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए।" सरकारी निर्देश के मुताबिक, सभी मोबाइल फोन कंपनियों को 120 दिनों के अंदर इसके अनुपालन की सूचना दूरसंचार विभाग को देनी होगी।


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Content Writer

meena

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