सुकमा मुठभेड़ में सुरक्षाकर्मियों ने 16 नक्सली किए ढेर, अमित शाह बोले- 31 मार्च 2026 से पहले नक्सल मुक्त होगा छत्तीसगढ़

Saturday, Mar 29, 2025-12:58 PM (IST)

सुकमा : नक्सलियों को बड़ा झटका देते हुए सुरक्षाकर्मियों ने सुकमा जिले के केरलापाल इलाके में एक बड़ी मुठभेड़ में 16 नक्सलियों को मार गिराया और भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया, शनिवार को सुकमा एसपी ने यह जानकारी दी। मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त करने के लिए संकल्पित है। यह अभियान ऐसे ही जारी रहेगा।

सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने घटनास्थल से 16 नक्सलियों के शव बरामद होने की पुष्टि की और कहा, "ऑपरेशन के दौरान हमारे दो जवान घायल हो गए और उन्हें चिकित्सा के लिए ले जाया जा रहा है।" उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके से एके-47 राइफल, सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर) और इंसास राइफल समेत कई अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं।

एसपी चव्हाण ने कहा, "इसे सुकमा में अब तक की सबसे बड़ी मुठभेड़ कहा जा सकता है।" अधिकारी ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। शुक्रवार को जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा शुरू किए गए संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के बाद गोलीबारी शुरू हुई। अधिकारियों के अनुसार, सुकमा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत केरलपाल इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान शुरू किया गया था। संयुक्त दल 28 मार्च को तलाशी अभियान के लिए निकला था और शनिवार (29 मार्च) की सुबह से ही रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है। सुरक्षा बल फिलहाल मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगलों की गहन तलाशी कर रहे हैं।

सुकमा छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है, जहां पहले भी कई नक्सली हमले हो चुके हैं। इससे पहले शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में विस्फोट होने से एक जवान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।शुरुआती उपचार के बाद बस्तर के आईजी ने बताया कि घायल जवान की हालत स्थिर हो गई है।

इससे पहले 22 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद को बताया था कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच 16,463 हिंसक घटनाएं हुईं, लेकिन पिछले दस सालों में इस संख्या में 53 फीसदी की कमी आई है।

उन्होंने बताया कि 2004 से 2014 तक 1,851 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, लेकिन पिछले दस वर्षों में शहीद होने वाले सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटकर 509 रह गई, जो 73 प्रतिशत की कमी है। नागरिकों की मृत्यु की संख्या 4,766 से घटकर 1,495 रह गई, जो 70 प्रतिशत की कमी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि 2014 से 2024 तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 11,503 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त 20,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं। पहले चरण में 2,343 मोबाइल टावर लगाए गए, जबकि दूसरे चरण में 2,545 टावर लगाए गए।


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meena

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