विजयवर्गीय कमिश्नर के घर के सामने धरने पर बैठे, बोले- कमलनाथ की नौकरी कर रहे हो कि जनता की

1/3/2020 4:14:45 PM

इंदौर: भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शुक्रवार दोपहर अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने शहर की समस्याओं को लेकर अधिकारियों को पत्र लिखकर चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी नहीं आए। वहीं इसको उन्होंने शासन प्रशासन का अहंकार बताया और कहा कि यहां बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं का अपमान है। वक्त आने पर इसका जवाब देंगे। गुस्साए विजयवर्गीय ने कहा कि उन्हें लग रहा है कि हमने चूड़ी पहन रखी है। उन्हें एक चिट्‌ठी का जवाब देने की फुर्सत नहीं है। जनता की नौकरी कर रहे हैं या कमलनाथ की ड्यूटी बजा रहे हैं। हमें ज्ञापन नहीं बैठकर चर्चा करनी थी। हमने भी सरकार चलाई है। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

शहर की समस्याओं पर बात करने के लिए बीजेपी नगर अध्यक्ष के माध्यम से एक पत्र चार अधिकारियों को लिखा गया था। पत्र के माध्यम से बताया गया था कि शुक्रवार को बीजेपी महासचिव और अन्य बीजेपी नेता उनसे रेसीडेंसी पर मीटिंग करना चाहते हैं, लेकिन कोई अधिकारी बैठक में शामिल नहीं हुआ। इसी बात को लेकर विजयवर्गीय उखड़ गए और अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई और कमिश्नर आकाश त्रिपाठी के घर के सामने धरने पर बैठ गए। उनके साथ सांसद  शंकर लालवानी, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक रमेश मेंदोला, विधायक आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक जीतू जिराती, नगर अध्यक्ष सहित सैकड़ों नेता कार्यकर्ता धरने पर बैठे।

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इस दौरान विजयवर्गीय ने कहा कि हमने इंदौर की समस्या के बारे में बात करने के लिए अधिकारियों से चर्चा करना चाह रहे थे। इस संबंध में हमारे जिला अध्यक्ष ने विधिवत चार अधिकारियों कमिश्नर आकाश त्रिपाठी, कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, पुलिस प्रमुख रुचिवर्धन मिश्र और निगम कमिश्नर आकाश को पत्र लिखा था। निगम कमिश्नर ने पत्र का जवाब देते लिए लिखा था कि शुक्रवार को मैं व्यस्त रहूंगा। आगे कभी भी शहर को लेकर कोई चर्चा करनी है तो मैं उपलब्ध रहूंगा।

बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वे अधिकारियों से मिलने के लिए रेसिडेंसी कोठी पहुंचे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। बीजेपी कोई छोटी-मोटी पार्टी नहीं है। राष्ट्रीय पार्टी है, जिसकी केंद्र में सरकार है। नगर अध्यक्ष यदि अधिकारियों को पत्र लिखता है और अधिकारी उसका जवाब भी नहीं देता तो यह हमारे लिए गंभीर बात है। हम इसे शासन और प्रशासन का अहंकार मानते हैं। अहंकार रावण का भी खत्म हुआ है और इसलिए इस अहंकार का जवाब हम वक्त आने पर देंगे। हम इसे बीजेपी और उसके कार्यकर्ताओं का अपमान मान रहे हैं। यदि बीजेपी कार्यकर्ताओं का कोई अपमान करे चाहे फिर वह कितना ही बड़ा नेता हो अधिकारी हो उसे जमीन दिखाना हमें आता है, वक्त आने पर हम उन्हें दिखा देंगे।


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Edited By

Jagdev Singh

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