वो भी समय था जब BJP के लोग पाकिस्तान से मैच के विरोध में पिच खोद देते थे, जब पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता तो मैच कैसे हो सकता है-जीतू
Sunday, Sep 14, 2025-02:23 PM (IST)

(इजहार खान): कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भारत और पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर अपना पक्ष रखा है। जीतू पटवारी ने कहा है कि हम खेल और खिलाड़ियों का सम्मान करते हैं! लेकिन आज ज़रूरत है शहीदों और उनके परिजनों के साथ मज़बूती से खड़े रहने की! पाकिस्तान के साथ भारत का मैच नहीं होना चाहिए क्योंकि अभी हमारे 26 नागरिकों की शहादत हई थी। हमारे पीएम ने भी कहा था कि टेरर और टॉक एक साथ नहीं हो सकते, न ही पानी और खून एक साथ बह सकता है। वो भी समय था जब बीजेपी और उससे जुड़े लोग मैदान की पिच खोद देते थे और कहते थे कि पाकिस्तान के साथ मैच नहीं होना चाहिए।
वो भी समय था जब BJP और उससे जुड़े लोग मैदान की पिच खोद देते थे-जीतू
जैसे सेना में शहादत देता हुआ सैनिक होता है उसी तरह देश के लिए खेलता खिलाड़ी होता है
बीजेपी के लोग देश को उत्तेजित करते थे लेकिन इस पर आज सोचने की जरुरते है। बीजेपी के लोग भी इसी देश के हैं और प्रधानमंत्री भी हमारे हैं लेकिन ये किस समय कौन सी बात करते हैं इसके बारे में तो हमे आकलन करना चाहिए। इसके साथ ही जीतू ने कहा कि मैं उस बहन की भावना का सम्मान करना हूं जिसने ये कहा कि पाकिस्तान से मैच मेरे पति की शहादत का अपमान है । जैसे सेना में शहादत देता हुआ सैनिक होता है उसी तरह देश के लिए खेलता खिलाड़ी होता है
इसके साथ ही जीतू पटरवारी ने देश के लोगों से अपने बच्चों को खेलों में आगे लाने की अपील की है। जीतू ने कहा बच्चे देश और प्रदेश के लिए खेलें। खेल में आगे बढ़ने के लिए बहुत पसीना बहाना पड़ता है और दिन रात एक करना पड़ता है। चाइना और अमेरिका का अगर मॉडल देखा जाए तो हम यूरोपीय देशों से बहुत पीछे हैं, इसका कारण ये है कि हमारी सरकारें और समाज खेलने वाले खिलाड़ियों के परिवारों का सहयोग नहीं कर पाते।
इसलिए मैं देश के लोगों से अपील करता हूं कि अपने बच्चों को स्पोर्ट्स में डालो..अगर वो देश के लिए खेलता है तो बहुत बड़ी बात है लेकिन नहीं भी खेल पाता है तो अपने स्वास्थय और परिवार के लिए अच्छा कर सकता है। स्पोर्ट्स एक पवित्र भावना है इसलिए इस दिशा में बच्चों और देश के परिवारों को स्पोर्ट्स की ओर रुख करना चाहिए । इसके साथ ही जीतू ने कहा कि स्पोर्ट्स के हर विभाग में ढाई फीसदी कोटा होना चाहिए।