MP गजब है- ऐसे लोगों को भी बना दिया कर्जदार, जिनके पास खेती के लिए जमीन ही नहीं

1/24/2019 2:29:24 PM

ग्वालियर: एमपी को गजब ऐसे ही नहीं कहा जाता, यहां उन किसानों का भी कर्जमाफ होता है जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं है, हद तो तब हो जाती है कि जब ऐसे लोगों का नाम कर्जमाफी की लिस्ट में आ जाता है जिनके पास खेत ही नहीं हैं वे मजदूर हैं। ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से सामने आया है जहां जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबंधित 76 कृषि साख सहकारी समितियों में हुए भृष्टाचार में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं।

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यहां पर आदिवासियों के पास न खेती की जमीन है और न ही उन्होंने कभी सहकारी समिति देखी है। वो तो सिर्फ खेतों में सालों से मजदूरी कर रहे हैं लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि कर्जमाफी की लिस्ट में उनके ऊपर भी हजारों का कर्ज सामने आया है। यह हैरान कर देने वाला कारनामा जिले के मेहगांव साख सहकारी समिति ने किया है। बुधवार को पूर्व विधायक बृजेन्द्र तिवारी ने चिनौर में किसान पंचायत का आयोजन किया। इस सभा में भितरवार के ईटमा गांव के आदिवासियों ने अपनी पीड़ा सुनाई। वहीं दोषियों पर एफआईआर कराने के लिए बैंक प्रबंधन व सहकारिता विभाग के अधिकारी बुधवार को दिनभर अपने रिकार्ड की छानबीन करते रहे। इसके बाद सभी अधिकारी शाम के वक्त एसपी को पूरा डेटा दिखाने पहुंचे।

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कमलनाथ सरकार के द्वारा किसानों का 2 लाख तक का ऋण माफ करने की घोषणा की गई। इसके बाद ऋणमाफी का प्रमाण पत्र देने के लिए फार्म भरवाए जा रहे हैं। वहीं कर्जधारी किसानों की सुची पंचायत की दीवारों में चस्पा करवा दी गई हैं। इस सूची के चस्पा होने से जिले में 2006 के बाद से जिला सहकारी बैंक में हुए घोटाले के चौंकाने वाले कारनामे सामने आ रहे हैं। फर्जी कर्ज वितरण करने के लिए पूरे नियम कानून का उल्लंघन किया गया है। आदिवासियों को कर्जदार बनाकर उनके नाम से भी पैसे निकाल लिए गए। किसानों ने जो पैसा जमा किया, उस राशि को भी दबा लिया गया।

इन आदिवासियों का नाम है कर्जदारों की लिस्ट में 

जिन आदिवासियों को कर्जदारों की लिस्ट में शामिल किया गया हैं उनमें भूरी पर 12808, कलुआ पर 10282, राजोबाई पर 27972, महाराज पर 26266, मेघा पर 77975 और कालिया पर 66461 का कर्ज दिखाया गया है। 


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Vikas kumar

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