आज आखिरी दिन...संजय पाठक को भारी पड़ सकती है चुप्पी! 443 करोड़ रुपए मामले में हो सकती है कुर्की
Saturday, Dec 06, 2025-01:48 PM (IST)
भोपाल : जबलपुर के बहुचर्चित अवैध उत्खनन मामले में नया मोड़ आ गया है। बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी खनन कंपनियों पर ओवर माइनिंग के आरोपों के बीच प्रशासन ने 443 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस आनंद माइनिंग, निर्मला मिनरल्स और पेसिफिक एक्सपोर्ट को भेजा गया है, जिन पर स्वीकृत सीमा से कई गुना अधिक लौह अयस्क उत्खनन का आरोप है। खास बात यह कि विधानसभा में खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस भारी-भरकम जुर्माने की पुष्टि कर दी है, जिससे न सिर्फ राजनीतिक हलकों में बल्कि खनन कारोबार से जुड़े बड़े खिलाड़ियों में भी उथल-पुथल मच गई है। माइनिंग विभाग द्वारा तैयार की गई 467 पेज की विस्तृत रिपोर्ट में सैटेलाइट इमेज, DGPS मैपिंग और डिस्पैच रजिस्टर की जांच के आधार पर गंभीर विसंगतियां उजागर हुई हैं।
अनुमत क्षेत्र से 8–10 गुना अधिक उत्खनन
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में सीमित उत्खनन की अनुमति थी, वहां आठ से दस गुना अधिक खनन किया गया। जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के निर्देश पर माइनिंग विभाग ने 10 नवंबर को अंतिम नोटिस जारी किया। जवाब में विधायक संजय पाठक की कंपनियों ने गणना से जुड़े आधार दस्तावेज मांगे थे, जो विभाग ने सौंप भी दिए हैं।
समय सीमा खत्म होते ही कुर्की की कार्रवाई
अधिकारी साफ कहते हैं कि— नोटिस का जवाब मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। लेकिन, यदि जवाब असंतोषजनक रहा या समयसीमा में नहीं मिला, तो प्रशासन कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर देगा। इसके साथ ही विभाग RRC जारी करने की तैयारी भी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर मिली अनियमितताओं को अनदेखा करना संभव नहीं है। यह मामला इसलिए ज्यादा अहम है क्योंकि पहली बार सत्तारूढ़ दल के किसी विधायक की कंपनियों पर इतना बड़ा दंड लगाया गया है।
संजय पाठक की चुप्पी से अटकलें तेज
विधायक संजय पाठक ने अब तक इस पूरे विवाद पर कोई बयान नहीं दिया है। उनकी चुप्पी राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर रही है। सरकार द्वारा अपने ही पार्टी के विधायक के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई करने से यह मामला प्रदेश की राजनीति में केंद्र बिंदु बन गया है।

