साधु-संतों की अनोखी तपस्या! सर पर जलता हुआ खप्पर रखकर होगी कठोर आराधना

2/21/2023 2:04:05 PM

खरगोन (वाजिद खान): नर्मदा के उत्तर तट पर सुंदर धाम आश्रम में संतों की कोठ खप्पर धुनी तपस्या गंगा दशमी तक चलेगी। साधु-संतों की अनोखी तपस्या में कई सारे साधु-संत सिर पर जलता हुआ खप्पर रखकर दहकते कंड़ो के बीच तपस्या कर रहे हैं। ऋषि-मुनियों की वैराग्यता, संत, महंतों की तपोभूमि रह मां नर्मदा के उत्तर तट पर देश भर के तीर्थ क्षेत्रों के संत एवं महंतों का महाकुंभ निमाड़ क्षेत्र के भक्तों को देखने को मिलेगा। 

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गंगा दशमी पर संपन्न होता है आयोजन 

मां नर्मदा के उत्तर तट पर स्थित बड़वाह में होने जा रहे इस वृहद आयोजन की तैयारिया शुरू हो चुकी है। मां नर्मदा के तट पर स्थित सुंदर धाम आश्रम में जगत एवं विश्व कल्याण के लिए पिछले 74 वर्ष से श्री विष्णू महायज्ञ का आयोजन 7 दिवसीय आयोजन के रूप में गंगा दशमी पर हर वर्ष संपन्न होता है। इस आयोजन का इस वर्ष 75वां विष्णु महायज्ञ संत महंतो के आशीर्वाद स्वरूप परम वेभवता लिए हुए धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ संपन्न होगा। सुन्दर धाम आश्रम में बसंत पंचमी से संतों की कोठ खप्पर धुनी तपस्या शुरू हुई थी। 

 

संतों की कड़ी धूप में तपस्या 

12 से 3 बजे तक श्रीश्री 1008 महामंडलेश्वर महंत बालकदास जी महाराज के सानिध्य में संत अनोखे तरीके से तपस्या कर रहे हैं। उन्होंने अपने चारों तरफ आग का घेरा बना रखा है, कोई गोल चक्र के दायरे में है, तो कोई पंच अग्नि, सप्त अग्नि के बीच संत अपनी तपस्या पूरी करने में जुटे हैं। ब्रह्मलीन सुन्दर दास जी महाराज ने 58 वर्षो तक इस तपस्या को करा था। इसके बाद गादीपति श्रीश्री १००८ महंत बालकदास जी महाराज भी लम्बे वर्षो से इस तपस्या को करते आ रहे हैं। 

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3 घंटे तक तेज धूम में आराधना! 

सोमवार को अमावस्या के शुभ अवसर पर आश्रम में विशाल भंडारा भी हुआ। जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पहुंच कर प्रसाद ग्रहण किया। वहीं भक्तों ने श्रीश्री १००८ महंत बालकदास जी महाराज के साथ तपस्या कर रहे संतों के दर्शन कर आशीर्वाद भी लिया। उल्लेखीय है कि संत 3 घंटे तक तेज धूम में आराधना करते हैं। इनकी आराधना बेहद कठिन होती है।18 साल तक तप करने के बाद तपस्या पूरी मानी जाती है। इस दौरान पूर्व नपा अध्यक्ष प्रीति अनिल राय, पवन सिंघल सहित बड़ी संख्या में भक्त गण मोजूद थे।

 


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Content Writer

Vikas Tiwari

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