हवाई हमले से ग्रामीणों को हो रही दिक्कत, नक्सलियों पर ड्रोन हमले में आम लोगों को हो सकता है भारी नुकसान

4/20/2022 1:07:26 PM

सुमित सेंगर (बस्तर): छत्तीसगढ़ के बस्तर में केंद्र और राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्रो में एंटी नक्सल ऑपरेशन (anti naxal operation) चला रही है और इस ऑपरेशन के दौरान लगातार पुलिस को सफलता भी मिल रही है। लेकिन इस दौरान सुरक्षाबलों को ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि नक्सल ऑपरेशन (anti naxal operation) के दौरान सुरक्षा बल ग्रामीणों पर हवाई हमले कर रहे हैं और विरोध के बावजूद भी नये पुलिस कैंप खोलकर ग्रामीणों को प्रताड़ित कर रही है। इसलिए वह चाहते हैं कि नक्सल मोर्चे पर तैनात सभी जवान को वापस भेज दिया जाए। वहीं हवाई हमले (flying firing) के विरोध में सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती इलाके के लगभग 10 गांव के ग्रामीण बमबारी के मटेरियल को इक्कठा कर विरोध में उतर आए हैं। 

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35 बम गिराने का ग्रामीणों ने लगाया है आरोप

विरोध कर रहे ग्रामीणों ने पुलिस अधिकारियों पर यह आरोप लगाया है कि बीते 14 और 15 अप्रैल की दरमियानी रात पुलिस ने नक्सलियों के ठिकाने को टारगेट बनाकर हवाई हमले किये हैं और ड्रोन से बम गिराए हैं। इधर पुलिस की इस बमबारी से नक्सलियों को कोई नुकसान नही पहुंचा है और ग्रामीणों को भी किसी तरह की कोई जनहानि नही हुई है। लेकिन जिस तरह से रात में पुलिस ने हवाई हमले किए हैं इससे गांव के सैकड़ो ग्रामीण चपेट में आ सकते थे और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता था। 

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हो सकता है भारी जानमाल का नुकसान: ग्रामीण 

ग्रामीणों ने कहा कि सबूत के तौर पर वे ड्रोन से किए गए बमबारी की पूरे मलबे को अपने पास रखे हैं। जिसे किसी जनप्रतिनिधि या फिर पुलिस के बड़े अधिकारियों को दिखाएंगे। ग्रामीणों ने बताया कि इस तरह के हवाई हमले, बस्तर पुलिस तत्काल रोके नहीं तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि इस हवाई हमले से ग्रामीण इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में तत्काल हवाई हमले को रोका जाएं।   


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News Editor

Devendra Singh

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