खैरागढ़ उप चुनाव 2022: 12 अप्रैल को मतदान, 16 को मतों की गणना

3/13/2022 1:11:38 PM

राजनांदगांव (बसंत शर्मा): खैरागढ़ विधानसभा के लिए उप चुनाव की तारीखों की ऐलान हो गया है। राजनांदगांव कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उप चुनाव से संबंधित अधिसूचना को लेकर जानकारी दी। राजनांदगांव के खैरागढ़ विधानसभा के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। इस विधानसभा में उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है।जिसको लेकर राजनांदगांव जिला निर्वाचन अधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव के तारीख, नामनिर्देशन, नाम वापसी की जानकारी दी।

मतदान के लिए 291 वोटिंग केंद्र 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तारण प्रकाश सिन्हा ने बताया कि खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए 291 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। आगामी 17 मार्च से नाम निर्देशन पत्र दाखिले का सिलसिला शुरू होगा। वहीं नाम निर्देशन पत्र दाखिले की अंतिम तिथि 24 मार्च होगी। 25 मार्च को स्कूटनी के बाद 28 मार्च तक नाम वापसी की जा सकेगी। वहीं 12 अप्रैल 2022 को खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए मतदान होगा और 16 अप्रैल को मतों की गणना की जाएगी। 

देवव्रत सिंह ने हासिल की थी इस सीट से जीत 

खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के लिए 2 लाख 11 हजार 5 सौ 40 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इन मतदाताओं में 1 लाख 52 हजार 50 महिला मतदाता और 1 लाख 62 हजार 90 पुरुष मतदाता शामिल है। खैरागढ़ विधानसभा का उप चुनाव जीतने के लिए भाजपा कांग्रेस के अलावा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी अपनी पूरी जोर आजमाइश करेगी। क्योंकि विधायक देवव्रत सिंह ने यहां से भाजपा और कांग्रेस को मात देते हुए जनता कांग्रेस की टिकट से जीत हासिल की थी।

कांग्रेस और बीजेपी के बीत सीधा मुकाबला 

विधायक देवव्रत सिंह को 2018 के विधानसभा चुनाव में 61 हजार 5 सौ 16 वोट प्राप्त हुए थे, तो वही दूसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी कोमल जंघेल रहे थे। जिन्हें 60 हजार 6 सौ 46 मत मिले थे। वहीं तीसरे क्रम पर कांग्रेस के सिटिंग विधायक रहे गिरवर जंघेल ने महज 31 हजार 8 सौ 11 मत ही हासिल कर पाए थे। ऐसे में इस विधानसभा में कांग्रेस तीसरे क्रम पर रही और बीजेपी के प्रत्याशी को शिकस्त देकर जनता कांग्रेस-जे के प्रत्याशी देवव्रत सिंह ने 870 मतों से जीत हासिल की थी। हालांकि यह माना जा रहा है कि देवव्रत सिंह, पूर्व में कांग्रेस पार्टी से खैरागढ़ विधानसभा चुनाव जीतते आये हैं तो कांग्रेस पार्टी छोड़कर जनता कांग्रेस में जाने से कांग्रेस के वोट भी देवव्रत सिंह को मिले थे, लेकिन अब उप चुनाव के तारीखों की घोषणा और वर्ष 2018 के इन चुनावी आंकड़ों से कांग्रेस को अपनी जीत के लिए काफी मेहनत करनी पड़ सकती है, तो वही भारतीय जनता पार्टी के सामने भी चुनौतियां कम नहीं है।

सीट का गणित 

जनता कांग्रेस को अपनी सीट बचाने के लिए काफी ताकत झोकनी पड़ सकती है। लेकिन देवव्रत सिंह के निधन के बाद यहां सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के एकमात्र विधानसभा में उप चुनाव होने के चलते भाजपा और कांग्रेस सहित जनता कांग्रेस के लिए यह सीट काफी अहम है और तीनों ही दल इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी जोर आजमाइश करेंगे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Devendra Singh

Recommended News

Related News