धार के छोटे से कस्बे में रहने वाले 21 साल के मुकुंद ने देश को बता दिया कि असली टेलेंट गांवों में बसता है, CA टॉपर ने खुद को चकाचौंध से रखा दूर
Tuesday, Nov 04, 2025-10:47 PM (IST)
डेस्क (देश शर्मा ):मध्य प्रदेश के धार जिले के एक युवा ने वो कारनामा करके दिखाया है जो बड़े-बडे नहीं कर सके। 21 साल के मुकुंद आगीवाल पूरे देश में परिवार, जिले और प्रदेश का नाम चमका दिया है। दरअसल मुकुंद आगीवाल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट फाइनल परीक्षा में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल करके वो मुकाम हासिल कर लिया जो किसी के लिए सपना ही होता है।
अर्जुन की तरह मछली की आंख पर था निशाना
जिले के धामनोद के होनहार युवक मुकुंद ने महज 21 साल की उम्र में इतनी बड़ी उपल्बधि हासिल कर ली है। वे धार जिले के ऐसे पहले युवा हैं जिन्होंने सीए फाइनल परीक्षा में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। लेकिन इस ऐतिहासिक मुकाम को पाने के लिए मुकुंद ने खासी मेहनत की और चकाचौंध की दुनिया से दूर रहा। उसका ध्यान सिर्फ अपने लक्ष्य पर रहा।
इस दौरान मुकुंद ने उन सारी चीजों से दूरी बनाई जो उसकी उम्र के दूसरों के लुभाती हैं, मुंकुंद का ध्यान अर्जुन की तरह सिर्फ मछली की आंख पर था। ढाई साल तक ऑनलाइन और चार महीने सेल्फ स्टडी की। फाइनल रिजल्ट में मुकुंद ने 600 में से 500 अंक हासिल किए।
मुकंद की कामयाबी पर माता-पिता नहीं रोक पाए खुशी के आंसू
मुकुंद आगीवाल एक मध्यम वर्ग की फैमिली से आते हैं, उनके पिता पवन आगीवाल धामनोद में स्टेशनरी की दुकान करते हैं।जबकि माताजी घर का ही काम करती हैं। उनकी इस बड़ी पर पूरे परिवार में खुशी की लहर है। मुकुंद ने सीए इंटर परीक्षा के लिए इंदौर में दो साल तक तैयारी की, उसके बाद घर से पढ़ाई जारी रखी। 2022 में उन्होंने सीए की प्रवेश परीक्षा में ऑल इंडिया 24वां स्थान प्राप्त किया था।
लक्ष्य से भटकाने वाली हर चीज से खुद को दूर रखा
मुकुंद ने बताया कि उन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं की परीक्षा भी धामनोद से ही उत्तीर्ण की थी। मुकुंद ने तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी, हर विषय को गहराई से समझा और सेल्फ स्टडी पर फोकस करके खुद के लिए अनुशासन बनाया जिसका सुखद नतीजा देश सामने है।
शुरु से ही मेधावी रहे हैं मुकुंद आगीवाल
मुकुंद आगीवाल स्कूल टाइम से ही पढ़ाई में अव्वल रहे हैं। 10वीं और 12वीं में भी उन्होंने टॉप किया था। प्राथमिक शिक्षा गुरुकुल स्कूल धामनोद से प्राप्त की थी और 10वीं में 95% अंक हासिल किए थे जबकि 12वीं में 96 फीसदी अंकों के साथ वे टॉपर रहे।
छोटे से कस्बे में रहने वाले मुकुंद ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रतिभा बड़े शहरों में नहीं, छोटे गांवों में भी होती है । अगर लक्ष्य पक्का और कभी न हारने का संकल्प ले लिया जाए तो फिर सफलता से कोई नहीं रोक सकता है।

