छोड़ेंगे न हम तेरा साथ ओ साथी मरते दम तक...ब्रेन डेड पत्नी की ICU में मांगभर घायल पति ने दी अंतिम विदाई
Saturday, Nov 09, 2024-02:11 PM (IST)
इंदौर (सचिन बहरानी) : कहते हैं हिंदू समाज में शादी एक पवित्र रिश्ता है। सात फेरे जो महिला पुरूष लेते हैं। वह सात जन्मों तक बंधन में बंध जाते हैं और हर पल सुख दुख में साथ खड़े रहते हैं। ऐसी ही एक तस्वीर इंदौर से सामने आई है जिसने शादी का रिश्ता क्या होता है उसकी हकीकत बयान कर दी है जबकि आज के युग में हर छोटी छोटी बात पर तलाक और विवाद के मुद्दे भी सामने आते रहे हैं।
भाई दूज वाले दिन भूपेंद्र अपनी पत्नी मनीषा के साथ इंदौर में अपनी बहन से मिलने आया था जब वह लौट रहे थे तभी रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को इलाज के लिए इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां डॉक्टरों ने मनीषा को ब्रेन डेड घोषित किया। इलाज के दौरान दोनों पति पत्नी को ICU में पास पास ही रखा गया था। जैसे ही पत्नी को ब्रेन डेड घोषित किया तभी पति भी टूट गया भूपेंद्र और उसके परिजनों ने मनीषा के अंगदान की इच्छा जताई जिसके बाद ऑर्गन कोआर्डिनेटर जीतू भगानी और संदीपन आर्या से संपर्क किया गया जिसके बाद पति ने वहीं आई सी यू में अपनी पत्नी की मांग भरी और आख़िरी विदाई दी। यह दृश्य देखकर हर आंख डब डब आ गई।
इस मामले में जीतू भगानी ने बताया कि इस मामले में 72 घंटे की कोशिश के बाद अंगदान हो पाया। परिजनों की सहमति के बाद प्राथमिकता के आधार पर तैयारी शुरू की गई। पहला कॉरिडोर CHL हॉस्पिटल से राजश्री हॉस्पिटल में बनाया गया उसके बाद दूसरा कॉरिडोर CHL अस्पताल से eminent हॉस्पिटल किडनी पहुंचाई गई।
बता दें इंदौर शहर में कई ग्रीन कॉरिडोर बन चुके हैं। वहीं कई मरीज़ों को नई ज़िंदगी भी मिली है पर ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि पति पत्नी का एक साथ सड़क हादसे का शिकार होना और जाते जाते आईसीयू में पत्नी की मांग भर की उसको विदाई देना
पति और बेटी ने कहा- अंगदान से बेहतर कुछ नहीं
महिला के पति भूपेंद्र राठौर शिक्षक हैं, जबकि बेटी पुणे में एक आईटी कंपनी में काम करती है। दोनों का कहना है कि लगातार हो रहे अंगदान से प्रेरित होकर उन्होंने यह फैसला लिया। अंगदान से किसी को नया जीवन मिलना, इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए।