किसानों का महाआंदोलन, 2000 ट्रैक्टरों के साथ किया प्रदर्शन, जानिए लैंड पूलिंग एक्ट को लेकर किसानों की मांगें, BJP नेता भी दे चुके समर्थन
Tuesday, Sep 16, 2025-08:16 PM (IST)

उज्जैन (विशाल सिंह): उज्जैन में सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी सिटी बसाने के लिए की जा रही लैंड पुलिंग योजना के विरोध में किसानों का बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है। अब तक 2000 ट्रैक्टर-ट्रॉली और 5000 से अधिक किसान शहर में पहुंच चुके हैं। अनुमान है कि आंदोलन में 10 हजार किसान शामिल होंगे। किसान जहां लैंड पुलिंग योजना का विरोध कर रहे हैं, वहीं उन्होंने सरकार के सामने 15 सूत्रीय मांगें भी रखी हैं। किसान नेताओं का कहना है कि अगर इन मांगों को अनसुना किया गया, तो वे गांवों से दूध और सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे।
सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े 17 गांव प्रभावित
आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में किसानों का जमावड़ा जारी है। इसमें सिंहस्थ क्षेत्र से जुड़े 17 गांवों के साथ आसपास के अन्य इलाकों के किसान भी शामिल हैं। आंदोलन का आव्हान भारतीय किसान संघ, जिला उज्जैन मालवा प्रांत ने किया है।
नेताओं का समर्थन और चेतावनी
भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पारस जैन भी किसानों के बीच पहुंचे और आंदोलन का समर्थन जताया, हालांकि कुछ देर बाद वे लौट गए। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि सरकार जल्दबाजी में गलती कर रही है। सिंहस्थ हजारों सालों से होता आ रहा है, तब न केंद्र सरकार थी और न ही राज्य सरकार। यहां स्थायी संरचनाओं की जगह अस्थायी सुविधाएं बनाई जानी चाहिए।
उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में किसानों की मांगें
उज्जैन और आसपास के इलाकों में किसानों ने लैंड पुलिंग एक्ट का विरोध करते हुए सरकार के सामने कई अहम मांगें रखी हैं। किसान संगठनों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन और उग्र होगा। आइए अब जानते हैं, कि क्या हैं किसानों की प्रमुख मांगें...
लैंड पुलिंग का विरोध
- सिंहस्थ क्षेत्र और पूरे प्रदेश से लैंड पुलिंग कानून को समाप्त किया जाए।
- विकास योजनाओं में जमीन अधिग्रहण के लिए 2012 की गाइडलाइन पर 20% सालाना बढ़ोतरी के साथ चार गुना मुआवजा दिया जाए।
सड़क और इन्फ्रास्ट्रक्चर
- गरोठ रोड पर दोनों तरफ सर्विस रोड बनाए जाएं।
- जावरा-उज्जैन रोड को सामान्य ऊंचाई वाला फोरलेन बनाया जाए और दोनों ओर सर्विस रोड दिए जाएं।
- इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड की ऊंचाई कम रखी जाए और अनावश्यक रोटरी बनाकर जमीन न छीनी जाए।
खेती-किसानी से जुड़ी मांगें
- सोयाबीन की सरकारी खरीदी 6000 रुपए प्रति क्विंटल (MSP 5328 + 672 बोनस) पर की जाए।
- पीला मोजेक बीमारी से खराब सोयाबीन की भरपाई की जाए।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सैटेलाइट सर्वे की जगह क्रॉस कटिंग आधार पर सर्वे किया जाए।
- आगामी फसल के लिए खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो।
सिंचाई और बिजली
- नर्मदा पाइपलाइन से वंचित क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाई जाए।
- अन्य नदियों से सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक सिंचाई व्यवस्था पहुंचाई जाए।
- मुख्यमंत्री ट्रांसफार्मर अनुदान योजना को फिर से शुरू किया जाए।
राजस्व और रिकॉर्ड सुधार
- ‘राजस्व रिकॉर्ड सुधार पखवाड़ा’ के दौरान पटवारी के गांव में बैठने के दिन तय किए जाएं।
- बंदोबस्त के बाद बदले नक्शों में सुधार किया जाए।
आवारा पशुओं से राहत
- रोज़ड़ा, सुअर, बंदर, हिरण आदि से फसलों को बचाने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
विकास योजनाओं में न्यायपूर्ण मुआवजा
- विक्रम नॉलेज सिटी जैसी परियोजनाओं में चार गुना मुआवजा दिया जाए।
- करोड़ों कीमत वाली जमीनें किसानों से 4–6 लाख प्रति बीघा में न छीनी जाएं।