दिवाली.. दिल जीतने वाली, कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों ने दिव्यांगों, वृद्धाश्रम में बांटी मिठाई, खिल उठे लोगों के चेहर
Tuesday, Oct 21, 2025-02:35 PM (IST)
ग्वालियर: दीपों के त्योहार दीपावली पर जहां शहर जगमगा रहा था, वहीं ग्वालियर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मानवता की मिसाल पेश करते हुए उन लोगों के बीच पहुँचे, जो आमतौर पर समाज के उत्सव से दूर रहते हैं। दिव्यांग, वृद्ध और गरीब बस्तियों के लोगों के साथ दीपावली मनाकर अधिकारियों ने संवेदनशीलता और सेवा का संदेश दिया।

मर्सी होम में दिव्यांगों संग मनाई दीपावली
ग्वालियर पुलिस की महिला एएसपी विदिता डागर, सीएसपी विश्वविद्यालय हिना खान, टीआई सिरोल गोविंद बगोली और थाना स्टाफ ने मर्सी होम पहुँचकर मानसिक रूप से दिव्यांगों के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को चॉकलेट, मिठाइयाँ और गिफ्ट हैंपर दिए। शुरू में दिव्यांग लोग थोड़े झिझके, लेकिन जब उन्हें पता चला कि पुलिस उनके साथ त्योहार मनाने आई है, तो उनके चेहरों पर खुशी छलक उठी।
वृद्धाश्रम में मनाया त्योहार, कलेक्टर ने बांटी खुशियां
कलेक्टर रुचिका चौहान ने भी दीपावली के दिन माधव आश्रम वृद्धाश्रम पहुँचकर बुजुर्गों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने मिष्ठान, फल और कंबल वितरित किए और उनके साथ समय बिताया। इस मौके पर संभाग आयुक्त मनोज खत्री और नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने कहा कि यह पहल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुरूप है, जिसमें समाज के हर वर्ग के साथ त्योहार की खुशियाँ साझा करने का आह्वान किया गया है।
आदिवासी बस्तियों में पहुंची पुलिस
शहर से दूर घाटीगांव क्षेत्र की आदिवासी बस्तियों में भी दीपावली का उल्लास देखने को मिला। एसडीओपी शेखर दुबे के निर्देशन में टीआई मोहना रशीद खान, थाना प्रभारी घाटीगांव यूएस तोमर, अतुल सिंह चौहान और भंवरपुरा थाना प्रभारी आलोक सिंह तोमर ने तकिया पुरा आदिवासी बस्ती में जाकर मिठाइयाँ, पटाखे और पूजन सामग्री वितरित की। पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों के साथ दीप जलाए और बच्चों के साथ त्योहार मनाया।
सुरक्षा के साथ मानवीय सेवा भी
दीपावली के दौरान जहां ग्वालियर पुलिस ने शहरभर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी — बाजारों से लेकर नाकाबंदी पॉइंट तक निगरानी रही — वहीं दूसरी ओर उन्होंने समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्ग के बीच जाकर मानवीय संवेदना का उदाहरण प्रस्तुत किया। एसएसपी धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान की जनता और सोशल मीडिया पर खूब सराहना हो रही है। इस दीपावली ग्वालियर पुलिस और प्रशासन ने साबित कर दिया कि रोशनी सिर्फ घरों में नहीं, दिलों में भी जलानी चाहिए। दिव्यांगों, वृद्धों और गरीबों के चेहरों पर मुस्कान लाकर उन्होंने दीपावली के असली अर्थ को साकार किया

