न दलील, न वकील...सिर्फ फैसला, 4 साल के मासूम के लिए सजी भगवान की अदालत, अपराधी को मिलेगी सजा-ए-मौत...ये है MP का अनोखा कोर्ट
Tuesday, Dec 02, 2025-07:34 PM (IST)
ग्वालियर (अंकुर जैन) : ग्वालियर में महादेव की अनोखी अदालत लगाई गई ग्वालियर के गिरगांव में मजिस्ट्रेट महादेव की कचहरी लगी इसमें बाकायदा पंच बुलाए गए। दंड के स्वरूप में ₹50000 का जुर्माना भी लिखा गया और यह भी लिखा गया कि या तो 50000 का नुकसान हो या फिर किसी की जनहानि हो। मंदिर के प्रांगण में यह कचहरी बैठी उसके बाद दोनों पक्ष भगवान मजिस्ट्रेट महादेव के समक्ष पहुंचे और पंचों के सामने कसम खाई।

दरअसल ग्वालियर में मोहनपुर गांव से बीते 1 नवंबर को 4 साल का मासूम रितेश पाल का अपहरण हो गया पुलिस ने लाख प्रयास किया लेकिन एक महीने बाद भी बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा दूसरी तरफ, पूछताछ में पुलिस को सन्देह है कि मासूम बच्चे के गायब होने के पीछे उसकी मां या फिर पिता का हाथ है, पुलिस ने कई बार दोनों पक्षों से सख्ती से भी पूछताछ कर ली। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ इसके बाद आज मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में गायब बच्चे की मां सपना और उसके परिवार के लोग इसके अलावा बच्चे के पिता दलवीर और उसके परिवार के लोगों को बुलाया गया। इस दौरान बच्चे की मां सपना उसके भाई और पति दलवीर से धर्म उठाया गया लिखवाया गया कि 5 दिन के भीतर 50 हजार या उससे अधिक का नुकसान होने पर बच्चे की गुमशुदगी के पीछे उसी का हाथ माना जाएगा जिसका नुकसान होगा। बच्चे की मां ने भी कसम खाई और बच्चे के पिता और दादा ने भी कसम खाई। सबके सामने यह कहा कि अगर उन्होंने बच्चा गायब किया हो तो उनका नुकसान हो और उनकी मृत्यु भी हो जाए।
मंदिर में महादेव की कचहरी में पंचनामा के दौरान
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर प्रकरण में जो कोई भी व्यक्ति पंचायत के समक्ष धर्म और पंचनामा लिखने के दौरान महादेव के समक्ष कसम खाता है अगर उसने झूठी कसम खाई तो फिर उसका कोई नुकसान होता है या तो जनहानि भी हो सकती है। महादेव झूठ बोलने वाले व्यक्ति को कठोर दंड देते हैं।
महादेव के सामने सौगंध खाने आई बच्चे की मां सपना का कहना है कि उनके बच्चे को 1 महीने से अधिक समय गायब हुए हो गया लेकिन अभी तक पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई। इसलिए मजबूरन गिरगांव के मजिस्ट्रेट महादेव के सामने सौगंध खाने आए हैं सपना को अपने पति और उसके ससुराल वालों पर बच्चे के अपहरण करने का संदेह है। सपना का कहना है कि पुलिस अभी तक उनका बच्चा नहीं ढूंढ पाई अगर यह बच्चा किसी अमीर आदमी का होता तो पुलिस तत्काल ढूंढ कर ला देती लेकिन मैं गरीब व्यक्ति हूं इसलिए पुलिस बच्चेको ढूंढ नहीं पा रही है। वहीं दूसरी ओर बच्चों के पिता दलवीर का कहना है कि उन्होंने भगवान की सौगंध खाई है, और यह कहां है कि अगर उन्होंने मासूम बच्चे को नुकसान पहुंचा हो तो उनका बड़ा नुकसान हो उनकी मृत्यु भी हो जाए।

कुल मिलाकर ग्वालियर का गिरगांव स्थित मजिस्ट्रेट महादेव मंदिर अपनी न्याय प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान की अदालत में कोई भी व्यक्ति अगर अपना अपराध छुपाता है या फिर झूठ बोलता है तो भगवान महादेव उसे दंड देते हैं। अब देखना होगा कि मासूम बच्चे की गुमशुदगी के मामले में, बच्चों की मां उसके मामा और बच्चे के पिता उसके दादा आदि ने पंचों के सामने भगवान महादेव की सौगंध खाई है। भगवान से 5 दिन का समय लिया गया है 5 दिन के भीतर भगवान अपना फैसला सुनाएंगे यानी अपराध करने वाले को दंड देंगे।


