बस्तर में ऐतिहासिक दिन: 210 माओवादी कैडर ने हथियार छोड़ संविधान अपनाया, 153 हथियार आत्मसमर्पित
Friday, Oct 17, 2025-07:39 PM (IST)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि 210 माओवादी कैडर ने बंदूकें छोड़कर संविधान और लोकतंत्र की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। इनमें एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य समेत कई वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं।
153 अत्याधुनिक हथियारों का समर्पण
आत्मसमर्पित कैडरों ने कुल 153 हथियार समर्पित किए, जिनमें AK-47, SLR, INSAS रायफल, LMG और अन्य शामिल हैं। यह न केवल हथियारों का समर्पण है, बल्कि बस्तर में हिंसा और भय के युग का प्रतीकात्मक अंत है।
पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन
राज्य सरकार की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और “पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन” योजना के अंतर्गत इन कैडरों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उन्हें संविधान की प्रति और लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया। सभी आत्मसमर्पित कैडरों ने संविधान की शपथ ली और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति निष्ठा व्यक्त की।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह दिन बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक है। जो युवा कभी माओवादी विचारधारा के जाल में फंसे थे, उन्होंने आज लोकतंत्र और विकास की मुख्यधारा अपनाई। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पित कैडरों के पुनर्वास, स्वरोजगार और कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रमुख आंकड़े – दण्डकारण्य आत्मसमर्पण
कुल कैडर: 210 (110 महिला, 98 पुरुष)
CCM – 1
DKSZC – 4
DVCM – 21
ACM – 61
पार्टी सदस्य – 98
अन्य – 22
हथियार: 153
AK 47 – 19
SLR – 17
INSAS रायफल – 23
INSAS LMG – 1
303 रायफल – 36
कारबाइन – 4
BGL लॉन्चर – 11
12 बोअर / सिंगल शॉट – 41
पिस्टल – 1
भविष्य का संकेत
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल आत्मसमर्पण नहीं, बल्कि बस्तर में विश्वास, विकास और शांति के नए युग की शुरुआत है। यह कदम राज्य में स्थायी शांति और नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में निर्णायक मोड़ साबित होगा