400 साल पुरानी इस्लामिक परंपरा पर मोदी सरकार ने लगाई रोक! सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब, जानिए पूरा मामला
Tuesday, Sep 30, 2025-02:07 PM (IST)

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित हजरत शेख मुहम्मद गौस की दरगाह पर उर्स और अन्य धार्मिक गतिविधियों के आयोजन को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति जताई है। अदालत ने केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह मामला उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने दरगाह पर धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति देने से इनकार किया था।
एएसआई ने लगाया था प्रतिबंध
गौरतलब है कि 1962 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने दरगाह को संरक्षित स्मारक घोषित करते हुए वहां धार्मिक गतिविधियों और उर्स के आयोजन पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह हजरत शेख मुहम्मद गौस का कानूनी उत्तराधिकारी है और दरगाह में पिछले 400 वर्षों से धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम होते आ रहे हैं।
हाईकोर्ट का आदेश, SC की कार्रवाई
इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की मांग को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि एएसआई और जिला प्रशासन का कर्तव्य है कि राष्ट्रीय महत्व के इस स्मारक को संरक्षित किया जाए। जस्टिस बी. वी. नगरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि विशेष अनुमति याचिका और अंतरिम अनुरोध पर केंद्र और प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाए। अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख तय की जाएगी।
आपको बता दें कि ग्वालियर स्थित इस दरगाह परिसर में संगीतज्ञ तानसेन और मुहम्मद गौस की कब्रें भी मौजूद हैं। यही कारण है कि इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया गया है।