मां ने बेटे को किया कैद ! 7 साल से बेड़ियों में जकड़कर रखा, हैरान कर देगा यह मामला
Saturday, Jan 25, 2025-01:41 PM (IST)
इंदौर (सचिन बहरानी) : मध्य प्रदेश के इंदौर में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मां ने अपने 30 साल के बेटे को 7 सालों से बेड़ियों में जकड़ कर रखा है। बताया जा रहा है कि बेटे का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है, इसलिए मां ने उसे मस्जिद की दीवार के पास कैद करके रखा है। चाहे सर्दी हो या गर्मी का मौसम, वह ऐसे ही बेड़ियों में बंधा रहता था। इस बात की जानकारी जैसे ही एनजीओ टीम को लगी तो वे फौरन युवक का रेस्क्यू करने पहुंच गए। हालांकि इस दौरान मां ने जमकर विरोध भी किया। लेकिन काफी मशक्कत के बाद युवक को वहां से बाहर निकाला गया। फिलहाल युवक को इलाज के लिए मेंटल अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है।
दरअसल, इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एक संस्था भिक्षुकों का रेस्क्यू करने के लिए खजराना क्षेत्र पहुंची थी। इसी दौरान टीम को युवक के कैद होने की जानकारी मिली। लोगों ने बताया कि 30 साल के युवक को पिछले कई सालों से कैद करके रखा गया है। जबकि जब युवक 9 साल का था तो बिल्कुल ठीक था। वह बहुत अच्छा गाता था और सिंगर बनना चाहता था। लेकिन उसके सिर में चोट लगने से वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया। उसकी मां को लगता है कि उस पर अल्लाह का वास है या भूत प्रेत का साया है। इसी चक्कर में वह उसकी झाडू फूंक करती रही और उसे बेड़ियों से जकड़कर रखा।
एनजीओ पुलिस टीम के साथ युवक का रेस्क्यू करने पहुंची तो देखा कि युवक की कलाइयों में मोटी मोटी बेड़ियां डालकर पुराने ठेले से बांधकर रखा गया था। उसके आस-पास प्लास्टिक की शीट बंधी थी। उसे उसके शरीर पर पूरे कपड़े भी नहीं थे और आसपास काफी गंदगी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक की मां भी भीख मांगने का काम करती है। युवक का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। उसे ढंग से खाना भी नहीं दिया जाता है।
जांच पड़ताल के बाद एनजीओ टीम ने युवक को रिहा कराने के लिए मां से बात की। मां बेटे को जाने नहीं देना चाहती थी। इस दौरान पुलिस और एनजीओ की टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मां ने इस दौरान टीम पर हमला करने की भी कोशिश की और खूब झूमाझटी की। काफी हंगामे के बाद मां से चाबी ली गई, लेकिन जंग लगने के कारण ताला खुल नहीं रहा था। इसके बाद हथौड़े से ताले को तोड़ा गया। युवक का रेस्क्यू किया गया और अस्पताल भेजा गया।