3 दशकों बाद MP में नक्सलवाद पर लगाम, बालाघाट नक्सल मुक्त जिला घोषित,आखिरी 2 बचे नक्सलियों ने किया सरेंडर
Thursday, Dec 11, 2025-08:52 PM (IST)
(बालाघाट): मध्यप्रदेश के बालाघाट से एक बड़ी खुशी और कामयाबी की खबर आ रही है। ये सफलता नक्सलवाद के मोर्चे पर मिली है। दरअसल जिला बालाघाट अब लाल आतंक से मुक्त हो गया है। बालाघाट में नक्सली क्षेत्र से दो हार्डकोर माओवादी नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के साथ ही ये सफलता मिल गई है। इन दोनों पर 43 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जानकारी के मुताबिक दो इनामी नक्सलियों छोटा दीपक और रोहित ने सरेंडर कर दिया है। नक्सल सेल और ASP बैहर आदर्शकांत शुक्ला ने इस दावे की आधिकारिक पुष्टि की है।
43 लाख इनामी नक्सली थे दोनों
छोटा दीपक पालागोंदी का रहने वाला है तीन राज्यों में मोस्ट वांटेड था। उस पर 29 लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह गोंदिया-राजनांदगांव-बालाघाट डिवीजनल कमेटी का सक्रिय सदस्य था । वह लंबे समय समय यानिकी 1995 से नक्सली गतिविधियों में शामिल था।वहीं दूसरे नक्सली रोहित है जिस पर 14 लाख रुपए के इनाम का ऐलान था।
करीब 3 दशकों से ज्यादा समय के बाद बालाघाट में लाल आतंक का सफाया
आपको बता दें कि बालाघाट 35 वर्षों से नक्सलवाद की घोर चपेट में था। केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2025 को नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का ऐलान किया था। इसके बाद इस दिशा में तेजी से काम होने लगा और लाल आतंक के खात्मे के लिए अभियान धरातल पर बनने लगे। दोनों नक्सलियों दीपक और रोहित ने ग्रामीणों की मदद से बिरसा थाना की मझुरदा पंचायत के ग्राम कोरका स्थित CRPF कैंप में पहुंचकर समर्पण किया है।
सुरक्षा बलों ने रणनीति बदलते हुए अभियान तेज किया और नक्सल नेटवर्क को ध्वस्त किया। इतनी मेहनत और धरातल पर काम करने के बाद अब बालाघाट को करीब नक्सल-मुक्त जिला घोषित किया गया । यहां पर गौर करने वाली बात कि मध्य प्रदेश में एकमात्र बालाघाट जिला ऐसा था जो नक्सल गतिविधियो से प्रभावित था।लेकिन अब इसको भी नक्सल मुक्त होने का एलान कर दिया है।

