दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर, जहां दिवाली में प्रसाद के रूप में बंटता है सोना और चांदी, जानिए कहां है ये धाम
Sunday, Oct 19, 2025-01:24 PM (IST)
रतलाम: देशभर में दीपावली के पर्व पर मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है, लेकिन रतलाम के श्री महालक्ष्मी मंदिर में यह पर्व कुछ अलग अंदाज में मनाया जाता है। यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में रुपए और सोना-चांदी दिया जाता है। यह सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन यही इस मंदिर की परंपरा है।

अनोखी परंपरा: भेंट दोगुनी होकर लौटती है
मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त दीपावली पर मां लक्ष्मी को रुपए या आभूषण अर्पित करते हैं, साल के अंत तक वह भेंट दोगुनी हो जाती है। यही वजह है कि दीपावली से पहले यहां नोटों की गड्डियां और सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं। मंदिर समिति के अनुसार, भक्तों द्वारा चढ़ाए गए धन-आभूषणों की बाकायदा एंट्री की जाती है और उन्हें टोकन दे दिया जाता है। भाई दूज के बाद भक्त अपने टोकन लौटाकर भेंट वापस ले सकते हैं।

धनतेरस से दीपावली तक रहती है रौनक
रतलाम शहर के माणक चौक स्थित श्री महालक्ष्मी मंदिर को दीपावली पर हर साल भव्य रूप से सजाया जाता है। इस बार मंदिर को रुपयों और आभूषणों से सुसज्जित किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है। भक्त बताते हैं कि वे इस धन को दान के रूप में नहीं, बल्कि सजावट के लिए देते हैं, जो बाद में उन्हें वापस मिल जाता है।

प्रसाद में मिलती है कुबेर पोटली
दीपावली के बाद दर्शन करने आने वाले भक्तों को प्रसाद के रूप में वही रुपए और आभूषण लौटाए जाते हैं। इसके साथ ही भक्तों को “कुबेर पोटली” दी जाती है, जिसमें श्रीयंत्र, सिंदूर, कौड़ियां, अक्षत और कंकूयुक्त सामग्री होती है। इस पोटली को घर में रखना सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

पूरे देश में इकलौता मंदिर
मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आज तक यहां भक्तों के चढ़ाए गए करोड़ों के आभूषण कभी गायब नहीं हुए। सभी वस्तुएं समय पर लौटाई जाती हैं। देशभर में ऐसा कोई और मंदिर नहीं है जहां महालक्ष्मी का श्रृंगार सोना-चांदी, हीरे-जवाहरात और नकद राशि से किया जाता हो।

