1 नवंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भव का लोकार्पण करेंगे PM मोदी, विधानसभा में परंपरा और आधुनिकता की दिखेगी अनोखी तस्वीर
Friday, Oct 31, 2025-04:53 PM (IST)
रायपुर: छत्तीसगढ़ की धरती 1 नवंबर को इतिहास रचने जा रही है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भव्य और आधुनिक भवन का लोकार्पण करेंगे। वर्ष 2000 में राज्य गठन के बाद से अस्थायी भवन में चल रही विधानसभा अब रजत जयंती वर्ष में अपने स्थायी, अत्याधुनिक और सांस्कृतिक पहचान वाले भवन में स्थानांतरित हो जाएगी।

‘धान का कटोरा’ की झलक हर कोने में
नए विधानसभा भवन की वास्तुकला में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा को जीवंत रूप दिया गया है। सदन की छत पर धान की बालियों और पत्तियों की कलाकृति उकेरी गई है, जो प्रदेश की कृषि प्रधान संस्कृति को दर्शाती है। भवन के दरवाजे और फर्नीचर बस्तर के पारंपरिक काष्ठ शिल्पियों द्वारा बनाए गए हैं, जिससे यह भवन आधुनिकता के साथ परंपरा का अद्भुत संगम बन गया है।
भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ‘स्मार्ट विधानसभा’
यह भवन पूरी तरह स्मार्ट और पेपरलेस विधानसभा के रूप में विकसित किया गया है। यहां 200 तक सदस्यों की क्षमता वाला सदन, अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण, डिजिटल रिकॉर्डिंग और हाई-स्पीड नेटवर्किंग सिस्टम की व्यवस्था की गई है, ताकि विधानसभा संचालन पूरी तरह डिजिटल हो सके।
51 एकड़ में फैला, 324 करोड़ की लागत से निर्मित
नया विधानसभा परिसर 51 एकड़ भूमि में फैला हुआ है, जिसकी निर्माण लागत 324 करोड़ रुपए है। भवन को तीन विंग विंग ए, बी और सी में बांटा गया है।
विंग-ए: विधानसभा सचिवालय
विंग-बी: सदन, सेंट्रल हॉल, मुख्यमंत्री और अध्यक्ष कक्ष
विंग-सी: मंत्रियों के कार्यालय
हरित तकनीक और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल
यह भवन पूरी तरह ग्रीन टेक्नोलॉजी से निर्मित है। परिसर में सोलर प्लांट, वर्षा जल संचयन के दो सरोवर और पर्यावरण संरक्षण के मानक लागू किए गए हैं। इससे यह परिसर न सिर्फ ऊर्जा-संरक्षण बल्कि पर्यावरण संतुलन का उदाहरण बनेगा।
अत्याधुनिक सुविधाएं
भवन में 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम और 100 सीटों की क्षमता वाला सेंट्रल हॉल भी बनाया गया है। वास्तुकला में आधुनिकता के साथ छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कलाओं का बेजोड़ मेल देखने को मिलेगा।
तीन करोड़ जनता की आकांक्षाओं का प्रतीक
यह नया विधानसभा भवन न केवल लोकतांत्रिक व्यवस्था का प्रतीक है, बल्कि छत्तीसगढ़ की पहचान, परंपरा और प्रगति का प्रतीक भी बनेगा। राज्य के तीन करोड़ नागरिकों की उम्मीदें और गर्व इस भवन की दीवारों में साकार होंगे।

