जाते-जाते कभी न भूलने वाला दर्द दे गया 2025 ! 2 दर्जन से ज्यादा मौतों से दहला MP, सरकार पर लापरवाही के आरोप

Wednesday, Dec 31, 2025-08:42 PM (IST)

भोपाल : वैसे तो 2025 में मध्य प्रदेश में कई ऐसी त्रासदियां आई जो खबरों की सुर्खियां बन गई और कई घरों को उजाड़ गई लेकिन साल के आखिरी महीनें के आखिरी दो दिनों में इंदौर और जबलपुर में हुई दर्दनाक घटनाओं ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। इन घटनाओं के लिए जहां कांग्रेस लगातार सरकार को कटघरे में खड़ी कर रही है, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार सवाल उठा रहे हैं। वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी भाजपा सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है।

माकपा ने कहा है कि सरकार और मंत्री चाहे जितनी भी सफाई दें, लेकिन इस गंभीर लापरवाही की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। माकपा के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने जारी बयान में कहा कि पिछले सात वर्षों से आंकड़ों की बाजीगरी के जरिए सफाई में नंबर एक का दावा करने वाली इंदौर नगर निगम की हकीकत जहरीला पानी पीने से हुई आठ (अब तक 10) मौतों से सामने आ गई है। वहीं प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में जहरीली शराब से 19 लोगों की मौत का दिल दहला देने वाला मामला उजागर हुआ है। उन्होंने कहा कि इंदौर में जहरीले पानी से आठ लोगों की मौत, 111 लोगों का अस्पताल में भर्ती होना और 1146 लोगों का उपचार के लिए मजबूर होना यह साबित करता है कि यह कोई सामान्य चूक नहीं है, बल्कि लंबे समय से जहरीले पानी की सप्लाई हो रही होगी।

वहीं जबलपुर में कच्ची शराब का कारोबार पुलिस संरक्षण और राजनेताओं के आशीर्वाद के बिना संभव नहीं है। ग्वालियर में भी रेलवे स्टेशन पर पुलिस चौकी से कुछ ही कदम की दूरी पर नशे का धंधा पुलिस संरक्षण में चल रहा है। माकपा नेता ने कहा कि यह संयोग नहीं है कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भी इंदौर से हैं और वे इंदौर नगर निगम के महापौर भी रह चुके हैं। आंकड़ों का ढोल पीटने में उन्हें महारत हासिल है। उनके महापौर कार्यकाल में इंदौर नगर निगम का विधवा और वृद्धा पेंशन घोटाला देशभर में चर्चित हुआ था। करीब 20 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले की फाइल आज भी मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबित पड़ी है।

जसविंदर सिंह ने मांग की कि जबलपुर में शराब के अवैध कारोबार को चलाने और संरक्षण देने वाले राजनेताओं व नौकरशाहों के नाम उजागर किए जाएं। साथ ही इंदौर में जहरीला पानी सप्लाई होने के कारणों की जांच कर दोषियों को सख्त सजा दी जाए। उन्होंने सभी मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा तथा एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की भी मांग की। माकपा के दो प्रतिनिधिमंडल आज दोनों महानगरों के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और पीड़ति परिवारों से मुलाकात करेंगे। 


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meena

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