14 बच्चों की मौत के दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा, CM मोहन का बड़ा एक्शन, बोले- लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं
Monday, Oct 06, 2025-04:41 PM (IST)

छिंदवाड़ा (साहुल सिंह) : छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप पीने 14 बच्चों की मौत मामले पर सीएम मोहन ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि छिंदवाड़ा मामले में सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इसी तारतम्य में सीएम मोहन छिंदवाड़ा पहुंचे।
वहीं सोमवार को मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास पर इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक के निर्णयों के अनुसार:
- दो औषधि निरीक्षक और उप संचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निलंबित किया गया।
- ड्रग कंट्रोलर को स्थानांतरित किया गया।
- कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया और दुकानों में विद्यमान स्टॉक को जप्त किया गया।
- छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में परिवारों से दवा रिकवर करने के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा।
- क्षेत्र में बिकने वाली अन्य दवाओं की प्रभावशीलता का आंकलन कराया जाएगा।
- दवाओं पर आवश्यक चेतावनी और सावधानियों के पालन की जांच की जाएगी।
- चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कॉम्बिनेशन ड्रग न देने का नियम पालन न करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।
सहयोग और जागरूकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैडियाट्रिक्स, चिकित्सकों के संगठनों और केमिस्ट एसोसिएशन के सहयोग से आवश्यक सावधानियां अपनाई जाएंगी और जागरूकता फैलाने के कदम उठाए जाएंगे। सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं, बल्कि तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और पूरे देश में कोल्ड्रिफ सिरप के मामले में ड्रग कंट्रोलर्स को सूचना दी गई और आवश्यक त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
- दवा लिखने और वितरण कराने वाले डॉक्टरों के निलंबन की कार्यवाही की गई।
- दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
- परासिया में स्थित अपना मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस निरस्त,
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न बने, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएंगी। ,
बता दें कि परासिया के सिविल अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीन सोनी अपने निजी क्लीनिक में बच्चों का इलाज कर रहे थे। निजी प्रैक्टिस के दौरान शिशुओं को ऐसी दवाइयां पर्चे पर लिखी गई, जिसका सेवन करने के बाद शिशुओं को तेज बुखार और पेशाब में कठिनाई हुई और शिशुओं की किडनी पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इससे कुछ बच्चों की दु:खद मृत्यु हो गई। डॉक्टर के क्लीनिक के बाजू में ही उनकी पत्नी ज्योति सोनी “अपना मेडिकल” के नाम से मेडिकल स्टोर्स चलाती हैं, जहां से दवाइयां बेची गई थी।