MP में सरकारी अस्पताल बना मासूमों की कब्रगाह, 28 घंटों में 5 नवजातों की मौत

11/29/2020 7:38:17 PM

शहडोल(अजय नामदेव): संभाग का सबसे बड़ा कुशा भाऊ ठाकरे जिला अस्पताल के 24 घंटे के अंदर एक बाद एक 5 नवजात बच्चों की मौत हो गई। 5 नवजातों की मौत की खबर लगते ही शहडोल से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया है। बच्चो के मौत के  मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। अस्पताल प्रबंधन लगातार बच्चों के मौत के मामले को छिपाने का प्रयास कर रहा था। इस घटना के बाद शाहडोल जिला कांग्रेस कमेटी आईटीसेल द्वारा मृत बच्ची का शव परिजनों के साथ  रखकर बच्चों की मौत के मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराते हुए सीएमएचओ को हटाने की मांग को लेकर विरोध करते रहे।

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आपको बता दें कि डेढ वर्ष पूर्व भी 24 घंटों के अंदर 6 बच्चों की मौत का मामला खूब गरमाया था जिस पर स्वास्थ्य मंत्री को शहडोल आने पर मजबूर कर दिया था। जिसके बाद सिविल सर्जन व सीएमएचओ को हटा दिया था। तब भी राजेश पांडेय ही सीएमएचओ थे और आज जब 5 बच्चों की मौत हुई है तब भी राजेश पांडेय ही सीएमएचओ है । एक के बाद एक 5 बच्चों की मौत के मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है ।

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शहडोल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल कुशा भाऊ ठाकरे अस्पताल पहले 24 घन्टे के अंदर 4 नवजात की उपचार के दौरान मौत हो गई । 24 घन्टे के अंदर एसएनसीयू और पीआईसीयू  4 बच्चो की मौत हुई है। जिसको लेकर हड़कंप मच गया था। कुछ ही समय बीता था कि एक और बच्ची की मौत की खबर ने लोगों को झीकोर कर रख दिया। 24 घंटे के अंदर पहले जिन बच्चों की मौत हुई उनमें बुढ़ार के अरझूली का 4 माह का बच्चा पुष्पराज, सिंहपुर के बोडरी का 3 माह का बच्चा राज कोल, 2 माह का प्रियांश, व उमरिया जिले के 3 दिन की निशा  मौत हुई है । जिसके कुछ देर बाद जिला मुख्यालय के सोहागपुर अंतर्गत ग्राम कटहरी के मुकेश बैगा की 3 माह की बच्ची काजल में भी दम तोड़ दिया । इस घटना को जिला अस्पताल प्रबंधन लगातार छिपाने का प्रयास कर रहा था । वही मृत बच्चों के परिजन बच्चो की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेवार ठहरा रहे है । 

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वहीं पांच बच्चों की मौत पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। शहडोल जिला कांग्रेस कमेटी आईटीसेल द्वारा बच्चों के मौत के मामले को लेकर सीएमएचओ राजेश पांडेय को जिम्मेवार ठहराते हुए मृत बच्ची का शव लेकर उनके परिजनों के साथ जिला अस्पताल के मुख्य द्वार पर विरोध करते रहे।  

 

 

 

 

 


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meena

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