भोपाल में गीता महोत्सव का भव्य आयोजन: तीन लाख लोग जुड़े पाठ से, CM ने दिया ‘गीता भवन’ का तोहफ़ा
Monday, Dec 01, 2025-04:23 PM (IST)
भोपाल। रवींद्र भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि गीता मन में उठने वाली हर जिज्ञासा का समाधान करती है। उन्होंने बताया कि आज गीता जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में तीन लाख लोग गीता के 15वें अध्याय का पाठ कर रहे हैं, जो सचमुच गर्व का विषय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष लाल परेड ग्राउंड पर 3500 विद्यार्थियों द्वारा एक साथ गीता पाठ का रिकॉर्ड कायम किया गया था। श्रीकृष्ण के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि कंस वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण ने अद्भुत पराक्रम दिखाया और शिक्षा को सर्वोच्च महत्व दिया।
उन्होंने बताया कि गुरुकुल परंपरा ने 5000 वर्ष पहले भी शिक्षा के महत्व को स्थापित किया था। महर्षि सांदीपनि के सान्निध्य में श्रीकृष्ण ने 64 कलाएँ, 14 विद्याएँ और वेद–पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया। इसी प्रदेश में उन्हें भगवान परशुराम से सुदर्शन चक्र मिला और यहीं से सुदामा के साथ उनकी अद्वितीय मैत्री की सीख मिलती है कि मित्रता जीवनभर निभानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में श्रीकृष्ण से जुड़े हर स्थल को तीर्थ के रूप में विकसित कर रही है। उज्जैन को द्वारिका और मथुरा जैसी ही आध्यात्मिक महत्ता देने की दिशा में काम जारी है।
उन्होंने घोषणा की कि इंदौर के राजवाड़ा के पास निर्मित पहला ‘गीता भवन’ आज जनता को समर्पित किया जाएगा। इसके साथ प्रदेश में और भी गीता भवन स्थापित किए जाएंगे।
अर्जुन की दुविधा को दूर करने वाली गीता का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मवाद जीवन का मूल सिद्धांत है। भगवान भी मानव की तरह सुख-दुख भोगते हैं, लेकिन नीति और धर्म के मार्ग से नहीं हटते।
उन्होंने कहा— कर्म हमारे अपने होते हैं, भगवान के भरोसे छोड़े नहीं जा सकते। गीता जीवन की हर उलझन का समाधान देती है।

