2 हज़ार के लिए गंवाई नौकरी, रिश्वत लेते पकड़े प्रभारी प्रधानाध्यापक बर्खास्त...
Friday, Dec 19, 2025-02:04 PM (IST)
छतरपुर (राजेश चौरसिया) : अतिथि शिक्षक को ज्वाइन कराने के लिए 2 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथों पकड़े गए बड़ामलहरा तहसील के शासकीय माध्यमिक शाला सूरजपुरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक चन्द्रभान सेन को बर्खास्त कर दिया गया है। सेन को लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने पर वर्ष 2016 में मामला पंजीबद्ध किया गया था। साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा अभियोजन स्वीकृति जारी की गई थी। इसके बाद उन्हें 4 जुलाई 2018 को निलंबित कर दिया गया था।

इस मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायालय ने 31 दिसंबर 2022 को दोष सिद्ध पाए जाने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा में 4 वर्ष का सश्रम कारावास, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)(डी) सहपठित धारा 13(2) में 5 वर्ष के साथ दोनों धाराओं में 10-10 हजार का जुर्माना और 201 भादंसं में 1 वर्ष एवं 1 हजार रूपए का जुर्माना तथा अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर 3 माह के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया था।
मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल के 8 फरवरी 1999 के आदेश के अनुसार, शासकीय सेवक को आपराधिक प्रकरण में न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध पाये जाने पर मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 10 (नौ) में प्रावधानिक सेवा में पदच्युत करने का प्रावधान है। इस प्रकार प्रकरणों में उच्चतम न्यायालय के न्यायिक दृष्टांत के अनुसार, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एव अपील) नियम 1966 के नियम 19 सहपठित नियम 14 एवं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) (1) के अंतर्गत अपचारी शासकीय सेवक के विरूद्ध विस्तृत विभागीय जांच आवश्यक नहीं है। साथ ही संबंधित शासकीय सेवक को कार्यवाही के पूर्व कोई सूचना देना भी आवश्यक नहीं है। अर्थात दण्डादेश सीधे पारित एवं जारी किया जा सकता है। इसी आदेश के अनुसार एवं कलेक्टर पार्थ जैसवाल के अनुमोदन उपरांत जिला पंचायत सीईओ नमः शिवाय अरजरिया ने चन्द्रभान सेन निलंबित सहायक अध्यापक मिडिल स्कूल सूरजपुरा संकुल हायर सेकेंडरी भगवां को शासकीय सेवा से पदच्युत कर दिया है।

