देश के एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने वाले लोहपथ की यात्रा
Saturday, Oct 04, 2025-08:26 PM (IST)

बैतूल (रामकिशोर पवार) : कोई भी देश अपने अतीत को मिटाकर, भुलाकर कभी विकसित नहीं हो सकता देश के प्रधानमंत्री मंत्री के यह शब्द जम्मू से कश्मीर को जोड़ने वाले सबसे लम्बे रेल मार्ग ने याद करा दिए। ग्रैंड-ट्रंक रूट के एक महत्वपूर्ण हिस्से नागपुर-आमला-बैतूल-इटारसी सेक्शन की स्थापना का शताब्दी वर्ष एवं मंडल में स्टेशन जन्मोत्सव कार्यक्रमों से जोड़ती है।
भारतीय रेलवे के इतिहास की बारीकियों को जानने, समझने और सहेजने में रुचि रखने वाले कई जानकारियों से अछूते रह जाते हैं। नागपुर मंडल की ऐसी ही एक महत्वपूर्ण जानकारी, प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर कुछ इस प्रकार है। 04/09/1924 के पहले नागपुर का दिल्ली से व्हाया आमला-बैतूल होते हुए सीधा रेल-संपर्क नहीं था। या यूं कहें कि उस समय नागपुर एवं साउथ की ओर के अन्य स्टेशनों के लिए "दिल्ली अभी दूर है" कहावत सटीक बैठती थी।
नागपुर वासियों को अगर रेल मार्ग से दिल्ली जाना हो तो नागपुर से भुसावल, खंडवा, इटारसी होते हुए ही रेल यात्रा करना होता था। परन्तु 4/9/1924 को नागपुर-इटारसी के मध्य सीधे रेल मार्ग का निर्माण पूर्ण होने पर नागपुर से दिल्ली की यात्रा आसान एवं सुविधाजनक हो गयी। 4/9/2023 को नागपुर-इटारसी सेक्शन का 102वां स्थापना दिवस था, एवं 4/9/2024 को इस सेक्शन की स्थापना के 102 वर्ष पूर्ण हुए।
स्टेशन/सेक्शन प्रारंभ होने की तारीखें
बैतूल (BZU)-इटारसी (ET) सेक्शन-1-5-1913
बैतूल (BZU)-आमला (AMLA) सेक्शन-29-9-1914
परासिया (PUX)-आमला (AMLA) सेक्शन-1-11-1915
काटोल (KATL)-नागपुर (NGP) सेक्शन-15-1-1923
नरखेड़ (NRKR)-काटोल (KATL) सेक्शन-1-11-1923
नरखेड़ (NRKR)-आमला (AMLA) सेक्शन-4-9-1924
इस लंबे रेल मार्ग ने ही देश दुनिया को अखण्ड भारत के केंद्र बिंदु बरसाली (मलकापुर) से पहचान कराई।