कमाल के वीडी ! सिर्फ शुभंकर नही, बल्कि सियासत का मझा हुआ खिलाड़ी कहिए
11/4/2021 7:34:52 PM
भोपाल (हेमंत चतुर्वेदी) : मध्यप्रदेश की राजनीति में यूं तो पिछले दो सालों से भाजपा की धमक को आसानी से महसूस किया जा सकता है, लेकिन इस धमक में संगठन के मुकाबले सरकार हमेशा भारी ही रहा करती थी, या यूं कहें, कि संगठन आधारित इस पार्टी में प्रदेश के भीतर संगठन को हमेशा दोयम ही आंका गया। एक तरफ जहां हर बीतते दिन के साथ शिवराज अपना कद बढ़ाते जा रहे थे, तो दूसरी ओर संगठन में एक के बाद एक नेता आए और बिना कुछ खास उपलब्धि और अपनी पहचान स्थापित किए बगैर आगे चले गए, लेकिन वीडी शर्मा ने मानो प्रदेश की सियासत के इस क्रम को तोड़ दिया है।
हाल ही में सम्पन्न हुए उपचुनाव में जोबट और पृथ्वीपुर सीट पर भाजपा की जीत हर कहीं चर्चा का विषय बनी हुई है। तमाम सियासतमंदों के साथ खबरनवीस भी इसके नतीजे को लेकर हैरान है, कि आखिर कैसे भाजपा ने दूसरे दल के नेताओं को आगे करके विपरीत परिस्थितियों में यह चुनाव जीतकर दिखाए और ये पहली बार है, कि लोग शिवराज सिंह के साथ पार्टी संगठन के मुखिया को इस जीत का श्रेय दे रहे हैं और कह रहे हैं कि मैनेजमेंट हो तो वीडी के जैसा।
हालांकि इस चुनाव से पहले विष्णु दत्त शर्मा के सिर पर कई ताज सजते आए हैं। लेकिन अब तक उन्हें शुभंकर की उपाधि देकर सम्मानित किया जाता रहा है। लेकिन इन चुनाव में वीडी ने ये साबित कर दिया, कि उनकी सफलता कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि उन्होंने वो किया है, जिसके बारे में औरों के लिए सोचना भी मुश्किल काम है। यही कारण है, कि मध्यप्रदेश भाजपा में लंबे समय बाद कोई ऐसा चेहरा नजर आया है, जिसकी चर्चा शिवराज के मुकाबले की जाने लगी है।
तो क्या वीडी शर्मा ने वो काम करके दिखा दिया है, जो पिछले कई दशकों से भाजपा का कोई नेता नहीं कर पाया था। क्या वीडी ने बहुत ही कम समय में अपनी पहचान एक नई लकीर खींचने वाले नेता के तौर पर स्थापित कर ली है, जो शायद भाजपा की अगली पीढ़ी के लिए एक आदर्श की भूमिका भी निभाने के साथ संगठन को एक नई राह दिखाने वाली भी होगी। खैर इन सवालों के जबाव तो भविष्य के गर्भ में छिपे हुए हैं, लेकिन वीडी के अब तक के काम को देखकर एक बात तो तय है, कि उनकी राजनीति का अंदाज कुछ ऐसा है, जिसे पढ़ पाना हर किसी के बस की बात नहीं है, बस वह जब भी सामने आता है, तो एक चमत्कार करता है।