चांदी की पालकी में राजसी वैभव से दर्शन देने निकले बाबा कालभैरव, कलेक्टर ने परंपरा अनुसार पहनाई सिंधिया परिवार की पगड़ी
Wednesday, Sep 07, 2022-03:53 PM (IST)

उज्जैन(विशाल सिंह): डोल ग्यारस के मौके पर मंगलवार शाम को श्री काल भैरव की सवारी मंदिर परिसर से निकली। इससे पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने भगवान कालभैरव का पूजन अर्चन किया और चांदी के मुखौटा पहनाया। साथ ही सिंधिया परिवार की पगड़ी पहनाई गई। फिर काल भैरव को नगर भ्रमण के लिए चांदी की नई पालकी में विराजित किया। नगर भ्रमण पर निकले भगवान काल भैरव पर भक्तों ने फूलों की वर्षा की और जगह जगह स्वागत किया।
भगवान महाकाल के सेनापति बाबा काल भैरव की सवारी मंगलवार शाम 4 बजे नगर भ्रमण पर निकली। विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद कलेक्टर सिंह ने पालकी को कंधा लगाकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। मंदिर सशस्त्र जवानों ने बाबा कालभैरव को सलामी दी। यहां से सवारी के साथ ढोल, बैंड, झांकी, अखाड़े, ध्वज, बग्घी के साथ सवारी जेल चौराहे पर पहुंची। मुख्य द्वार के सामने जेल प्रशासन द्वारा जेल अधीक्षक ने भगवान के मुखौटे का पूजन किया।
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद सवारी नया बाजार, भैरवगढ़ नाका, माणक चौक, महेंद्र मार्ग होते हुए सिद्धवट पहुंच कर मां शिप्रा व भगवान सिद्धनाथ महाराज का पूजन मंदिर के पुजारी द्वारा परंपरा अनुसार किया। पूजन के बाद वापसी में सवारी बृजपुरा होते हुए जेल तिराहा से काल भैरव मंदिर पर शाम करीब 7.30 बजे सम्पन्न हुई। सवारी आने के बाद मंदिर परिसर में भगवान की आरती कर मुखौटे को पुन: मंदिर में विराजित किया।
डोल ग्यारस पर परंपरा है कि बाबा भैरव नाथ को सिंधिया परिवार की ओर से आने वाली राजसी पगड़ी पहनाई जाती है। मंगलवार को महाकाल मंदिर के पुजारी संजय पुजारी ने इस पंरपरा को निभाया और बाबा भैरव को राजसी पगड़ी पहनाई। बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो सालों से कालभैरव की सवारी नहीं निकाली गई थी। लेकिन इस बार इस श्रद्धालुओं में खासा उत्साह था और सभी ने सेनापति भैरव नाथ की सवारी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।