आने वाली पीढ़ी कुचक्रों में न फंसे, विधर्मियों की साजिशों का शिकार ना हो इसलिए पदयात्रा निकालकर जगा रहे- बागेश्वर बाबा, बड़ी-बड़ी हस्तियां हुई शामिल

Saturday, Nov 08, 2025-06:28 PM (IST)

छतरपुर/फरीदाबाद (राजेश चौरसिया) : फरीदाबाद में सभी सनातनियों को एक करने के लिए 7 नवंबर से निकली पदयात्रा में हर रोज लोगों का जुड़ाव बढ़ता जा रहा है। देश-विदेश के लाखों लोग यात्रा से जुड़ रहे हैं। यात्रा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सभी पदयात्रियों का आह्वान करते हुए कहा कि उनकी मेहनत, समर्पण और पुरुषार्थ आने वाली पीढियों को संकट से बचाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी कुचक्रों में न फंसे, विधर्मियों की साजिशों का शिकार ना हो इसलिए यह पदयात्रा निकालकर उन्हें जगा कर सनातन से जोड़ रहे हैं। महाराज ने कहा कि भारतीय सेवा वेतन के लिए नहीं वतन के लिए कार्य करती है।महाराज ने कहा कि जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है वैसे ही ठाकुर जी नजदीक आ रहे हैं राम जी का मिलन त्रेता, श्याम जी का मिलन द्वापर और हनुमान जी का मिलन कलयुग में हो रहा है।

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महाराज बने पद यात्रियों के डॉक्टर

पदयात्रा में भीड़ अधिक होने के कारण अक्सर एक दूसरे के ऊपर पैर रख जाते हैं। कई बार चलते वक्त पैरों में चभीट लग जाती है लेकिन जैसे ही बागेश्वर महाराज को इसकी खबर लगती हैं वह स्वयं अपने हाथ से घायलों के घाव पर मरहम लगाने बैठ जाते हैं। महाराज श्री के इस भाव को देखकर पदयात्री शब्दहीन हो जाते हैं। छतरपुर जिले के ही भगवंतपुरा का रहने वाला करन कुशवाहा चोटिल हो गया था। महाराज श्री ने तुरंत उसके पैर के अंगूठे को रुई से साफ किया और दवा लगाकर पट्टी बांधी इसके अलावा अन्य लोग भी रास्ते में घायल हुए जिनके न सिर्फ घाव पर मरहम लगाया बल्कि उनकी आंतरिक पीड़ा भी दूर कर दी। घायल पदयात्रियों को ऐसा लगा मानो सचमुच बालाजी उनकी चिंता हरने आ गए हैं।

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कलयुग के श्रवण कुमार बने बदायूं के दो भाई

इस दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जहां बदायूं के तेजपाल और उसके भाई धीरज अपनी मां को कांवड़ में लेकर आते दिखे। उन्होंने बताया कि उनकी माता राजेश्वरी देवी पैरों से चल नहीं सकती लेकिन उसके मन में इच्छा थी कि वह बागेश्वर महाराज की पदयात्रा में शामिल हो। राजेश्वरी देवी ने अपने बेटों से कहा कि एक गाड़ी कर दो ताकि वह यात्रा में जा सके लेकिन मां की इच्छा पूरी करने के लिए दोनों भाई श्रवण कुमार बन गए। उन्होंने मां को भरोसा दिलाया कि हर हाल में बागेश्वर महाराज की पदयात्रा में वे अपनी मां को शामिल करेंगे। दोनों बेटों ने कावड़ में बैठ कर अपनी मां को पूर्व में चारों धाम की यात्रा भी कराई है। महाराज को जब इन दोनों माता भक्त पुत्रों के बारे में जानकारी मिली उन्होंने अपने सेवादारों को आदेशित किया कि जहां भी हो उस देवी और उसके दोनों बेटों को उन तक पहुंचाएं।

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10 साल का रूद्र दंड भरकर जा रहा यात्रा में

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के ग्राम खुर्जा का रहने वाला 10 साल का रूद्र दंड भरता हुआ सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में जा रहा है। रुद्र के पिता ने बताया कि जब उसका बालक साढ़े तीन साल का था तभी से वह दंड की प्रैक्टिस कर रहा है। रुद्र लगातार दंड भरता रहता है। बालक महाराज के सामने दंड भरता हुआ काफी दूर तक यात्रा में चला। महाराज श्री ने उसका उत्साह बढ़ाया और उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया।

5 साल से विमल ने नहीं कटवाए बाल, महाराज से मिलने का लिया था संकल्प

पदयात्रा में ऐसे अनोखे संवाद सामने आ रहे हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि बागेश्वर महाराज की एक झलक पाने के लिए लोग किस तरह से व्याकुल है और वे कैसे- कैसे संकल्प ले बैठते हैं। मेरठ के रहने वाले विमल शर्मा ने जब महाराज श्री से भेंट की तो उसने महाराज श्री को बताया कि वह पिछले 5 वर्षों से उनसे मिलने के लिए तड़प रहा था। कई बार बागेश्वर धाम जाने के बाद भी दर्शन नहीं हो सके। विमल शर्मा ने संकल्प लिया था कि जब तक महाराज श्री से उसकी भेंट नहीं होती तब तक वह अपने बाल नहीं कटवायेगा। 5 वर्ष के बाद उसका यह संकल्प आखिरकार पदयात्रा में पूरा हो गया।

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महाराज श्री से मिलते ही सेल्फी लेने लगे सनातनी..

यात्रा के बीच में महाराज सनातन प्रेमियों को बुलाकर उनका हाल-चाल जानते हैं और उनसे पूछते हैं क्या भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में वह अपना सहयोग देंगे। महाराज से मिलकर भाव विभोर होने वाले सनातन प्रेमी हर तरह से सनातन के लिए कार्य करने का आश्वासन देते हैं लेकिन मौका मिलते ही महाराज के साथ हुई भेंट को वह अपने मोबाइल में कैद करना नहीं भूलते। नेपाल की 70 साल की महिला ईसुरी देवी महतो ने कहा कि उनकी उम्र भले ही ज्यादा हो गई लेकिन सनातन के लिए जोश अभी भी बरकरार है।

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हौसले ने बढ़ाया कदम, पीछे रह गया कद..

छोटा डॉन के नाम से जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश का 2 फुट का एक युवक भी पैदल यात्रा में साथ चल रहा है । बागेश्वर महाराज की जब उस पर नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत बुलाया। महाराज थोड़ी देर तक उसके साथ धीरे कदमों से यात्रा में चले। महाराज ने उससे पूछा तो युवक का जवाब था कि वह लगातार यात्रा में चल रहा है उसे उम्मीद है कि जब महाराज जैसे युवा संत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए निकले हैं तो सब के सहयोग से उनका संकल्प अवश्य पूरा होगा।

रामधुन पर महाराज नगड़िया बजाकर झूमे

फरीदाबाद के ठीक पहले बागेश्वर महाराज रामधुन करने वाले युवकों से नगड़िया ली और उसे बजाकर खूब झूमे। जिस तरह से हनुमान जी राम जी का नाम आते ही झूम उठते हैं वैसे ही बागेश्वर महाराज झूमने लगे और वह खुद को नहीं रोक पाए।

 


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Content Writer

meena

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