लोकसभा चुनाव से पहले सीएम ने किसानों के नाम लिखा पैगाम

3/12/2019 4:39:37 PM

भोपाल: किसानों की कर्जमाफी को आधार बनाकर सत्ता में आई कांग्रेस के लिए कर्जमाफी लोकसभा चुनाव में अड़चने खड़ी कर सकती है। लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है और कमलनाथ सरकार का किसानों से किया वादा अब नतिजों के बाद ही पूरा होगा। जिसके चलते बीजेपी ने कर्जमाफी को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को प्रदेश से लेकर देश तक घेरना शुरु कर दिया है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक बीजेपी 'कर्जमाफी' के मुद्दे को भुनाने में लगी हुई है। वहीं कांग्रेस नहीं चाहती कि लोकसभा चुनाव के पहले कही कोई नुकसान हो या उनके खिलाफ विरोधी माहौल बने। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने ब्लॉगर पर किसानों के नाम एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें कहा है कि वह किसी के बहकावे में ना आए सरकार आचार संहिता समाप्त होते ही किसानों का कर्जा माफ कर देगी।

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कमलनाथ ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि, 'मैं एक गंभीर विषय पर आपसे चर्चा करना चाहता हूँ जो आपकी आजीविका से सीधा जुड़ा है । मैंने चुनावों के पहले जब किसानों की कर्ज माफ़ी का वचन दिया था तब मैं इस बात से भली भाँति परिचित था कि किसान जीवन पर्यंत कठिन परिश्रम कर के भी बमुश्किल अपनी आजीविका कमा पाता है , और इस बीच कभी प्राकृतिक आपदा आ जाए तो उस पर कर्ज के बोझ का पहाड़ टूट पड़ता है। फ़िर उम्र भर वो कर्ज के चक्र में फँसता चला जाता है । इसीलिए मैंने तय किया था कि इस कर्ज के चक्र को तोडूँगा और किसान भाइयों का नाता फ़िर खेतों की खुशियों से जोड़ूँगा।' 

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कमलनाथ ने लिखा है कि, 'सरकार बनते ही मैंने निर्णय लिया कि लगभग 50 लाख़ किसानों का 2 लाख़ तक का कर्ज माफ़ किया जाएगा। तब पहली प्रतिक्रिया भाजपा की थी कि हम ख़ज़ाना तो पूरा खाली कर गए हैं,कर्ज माफ़ ही नहीं किया जा सकता ।  ये बात सही है कि मध्यप्रदेश के कर दाताओं के पैसों को नियोजित तरीके से पिछली भाजपा सरकार ने अपनी प्रसिद्धि पर ख़र्च कर सारा खज़ाना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया । मगर हम सब को मिलकर चुनौतियों को अवसर में बदलना है । हमने चुनौती स्वीकार की और अब तक 24 लाख़ 84 हज़ार किसानों का कर्ज माफ़ किया जा चुका है । किसानों के हित के इस निर्णय को लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत भाजपा संकीर्ण मानसिकता से देख रही है। उन्हें लगता है कि लोकसभा चुनावों में कमलनाथ सरकार के इस निर्णय से उन्हें नुकसान होगा, इसीलिए वे भ्रम फैलाकर किसानों का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ।' 

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मुख्यमंत्री का कहना है कि, 'मेरी हमेशा से ये मान्यता रही है कि मंत्री और मुख्यमंत्री किसी दल का नहीं होता है,वो समग्रता से गैर दलीय आधार पर सबका होता है , और ये बात मैने अपने केंद्रीय मंत्री रहते हमेशा सिद्ध की है। जितने भी तत्कालीन मध्यप्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री , मंत्री और जनप्रतिनिधि मेरे पास प्रदेश के काम के लिए आते थे, वे कभी निराश हो कर नहीं जाते थे । आप निश्चिंत हो जाइए, जिन किसान भाइयों ने ऋण माफी का आवेदन भरा है उन्हें योजना का लाभ अवश्य मिलेगा। अभी 24 लाख़ 84 हज़ार किसानों का कर्ज माफ़ हुआ है, अब यह अभियान आचार संहिता समाप्त होते ही फ़िर प्रारंभ होगा । मैं चाहता हूँ कि कर्ज माफ़ी की हर बात मैं आपके सामने पारदर्शी तरीके से रखूँ, इसीलिए आपको सूचित किया गया है । आप मध्यप्रदेश का आत्मबल और आत्मसम्मान हैं ।भाजपा चुनावों के मद्देनजर भ्रम फैलाकर आपका मनोबल तोड़ने की कोशिश करेगी। आप धैर्य पूर्वक अपने ध्येय पर कायम रहें । मैं लोकसभा चुनावों के बाद फ़सलों के दामों के स्थायी समाधान की ओर क़दम बढ़ाऊँगा और मेरा विश्वास है कि मेरा यह प्रयास देश की सरकार को भी दिशा देने वाला होगा।' 


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ASHISH KUMAR

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