जबलपुर के नामी हॉस्पिटल की बड़ी लापरवाही, O पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले मरीज को चढ़ा दिया AB पॉजिटिव ब्लड, मरीज की हालत बिगड़ी

10/29/2022 4:06:00 PM

जबलपुर(विवेक तिवारी): आलीशान इमारतों में मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का बोर्ड टांगकर अस्पताल संचालक मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन पर लगाम नहीं कस पा रहा है। शहर के उखरी इलाके में संचालित गैलेक्सी अस्पताल भी मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों में शुमार हो चुका है। इस अस्पताल में भर्ती नरसिंहपुर की एक महिला मरीज के साथ अस्पताल के डॉक्टरों ने ऐसा प्रयोग किया कि मरीज अब जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। अस्पताल में ब्लड की जांच जैसे मामूली जांच में भी इस कदर की लापरवाही बरती गई कि महिला की किडनी ही खराब हो गई।

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दरअसल, नरसिंहपुर की रहने वाली सविता कौरव नाम की महिला को लगातार दस्त की शिकायत पर गैलेक्सी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने शुरुआती जांच की और उसके बाद परिजनों को बताया कि महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी है। लिहाजा खून का चढ़ाया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए अस्पताल के पैथोलॉजी से खून की जांच कर महिला का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव बताया गया। एबी पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता पड़ने पर परिजनों ने एबी पॉजिटिव रक्त की व्यवस्था कराई गई और महिला मरीज को चढ़ाया गया। खून चढ़ा नहीं कि मरीज की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। उसके बाद परिजनों ने महिला को डिस्चार्ज करा कर एक अन्य निजी चिकित्सक के जरिए महिला का इलाज शुरू कराया। जहां डॉक्टर ने महिला मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए तत्काल नागपुर में इलाज कराने की सलाह दी, जैसे ही परिजन महिला मरीज को लेकर नागपुर पहुंचे तो वहां विभिन्न जांचों के बाद पता चला कि महिला मरीज की किडनी खराब हो चुकी है। नागपुर के अस्पताल में खून की जांच में एक और चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई कि मरीज का ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव नहीं बल्कि ओ पॉजिटिव है। ब्लड ग्रुप बदलने और दूसरे ग्रुप का खून चढ़ाने से ही मरीज की हालत बिगड़ गई और इसका सीधा असर उसकी किडनी पर पड़ा।

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जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में हुए गलत इलाज से परिजन गुस्से से तमतमा उठे हैं। उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी से करते हुए अस्पताल प्रबंधन की करतूत का खुलासा किया। परिजनों की शिकायत पर कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने तत्काल ही पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने 3 दिन में पूरी रिपोर्ट तलब की है। कलेक्टर ने कहा है कि वे खुद भी इस पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग करेंगे और दोषी पाए जाने पर अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।

 


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Content Writer

meena

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