भिंड में CEO दिनेश शाक्य ने मांगे 5-5 हजार रूपये, जानिए क्या है मामला

7/30/2022 12:53:33 PM

भिंड (योगेंद्र सिंह): भिंड जिले के गोहद जनपद को घोटालों का गढ़ माना जाता है। अब 'हर घर तिरंगा अभियान' के नाम पर भी प्रशासनिक अधिकारी धन उगाही में जुट गए हैं। इस बात का खुलासा गोहद जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश शाक्य द्वारा उनके मोबाइल फ़ोन के ज़रिए सोशल नेट्वर्किंग के लिए बनाए गए पंचायत सचिवों के ग्रूप पर किए गए मेसेज के ज़रिए हुआ है। जनपद CEO दिनेश शाक्य द्वारा फ़ॉर्वर्ड किए गए इस मेसेज में लिखा गया है कि 'सभी सचिव 'हर घर तिरंगा अभियान' अंतर्गत प्रत्येक पंचायत में तिरंगा क्रय करने के लिए 5 हजार रूपये जनपद में नगद जमा करके रसीद हासिल करें। जिससे जिला कार्यालय से तिरंगा क्रय किये जा सके"। 

PunjabKesari

फॉरवर्ड मेसेज से बढ़ी हलचल 

इस मेसेज के ज़रिए CEO शाक्य ने सीधे सीधे गोहद जनपद के अंतर्गत आने वाली करीब 88 पंचायतों के ग्राम सचिवो से 5 -5 हज़ार रुपए (लगभग 4 लाख 40 हज़ार रुपए का कलेक्शन) उनकी जेब से मांगे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि किसी भी योजना या शासकीय कार्यक्रम के लिए शासन या जनसहयोग की बजाय सचिवों से रुपए किस बात के लिए मांगे जा रहे हैं और जनपद CEO द्वारा किया गया फॉरवर्ड मेसेज यानी किसी दूसरे के मेसेज को आगे बढ़ाया गया संदेश है। तो यह मेसेज उन्हें उनके किस वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आगे बढ़ाने के लिए किया गया। अब वह मेसेज का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नहीं है नगद राशि का प्रावधान

जबकि किसी भी शासकीय योजना सरकारी कार्य, शासकीय कार्य से सम्बंधित सामग्री की ख़रीद फ़रोख़्त। कार्यक्रम आयोजन के लिए शासन द्वारा निर्धारित मद उपलब्ध कराया जाता है कार्यक्रमों के आयोजन में मद उपलब्ध ना होने पर जन सहयोग की अपील की जाती है। वहीं कार्य पूर्ण होने या आवश्यकता अनुसार पंचायत राशि से उसका भुगतान किया जाता है, जो ईपीओ (इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट ऑर्डर) के माध्यम से किया जाता है। किसी सरकारी कार्य में (जन सहयोग छोड़कर) नगद राशि का प्रावधान नहीं हैं।

CEO दिनेश शाक्य का फोन स्विच ऑफ 

इस मामले में आ रही घपले की बू को देखते हुए सबसे पहले जनपद CEO दिनेश शाक्य से फ़ोन पर सम्पर्क का प्रयास किया। लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था।जिसके बाद गोहद एसडीएम शुभम शर्मा से भी इस सम्बंध में जानकारी मांगी गई। लेकिन उन्होंने ऐसे किसी भी मेसेज के बारे में जानकारी ना होने की बात कही। वहीं ज़िला पंचायत सीईओ जेके जैन से जब हमने उनका स्टेट्मेंट लिया तो उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर 'हर घर तिरंगा अभियान' को सफल बनाने के लिए हर ग्राम पंचायत में गरीब और आशय लोगों के घरों पर तिरंगे मुफ़्त लगाए जाने के लिए पंचायत निधि का उपयोग कर 250 झंडों तक ख़रीदने के निर्देश दिए हैं। इन तिरंगों की ख़रीदी के लिए सभी परिषद, नगरपालिका और जनपदों में संकुल समितियों से संपर्क करके झंडे उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। बड़े झंडे की अनुमानित क्रय राशि 18 से 20 रुपए है। जिसका भुगतान पंचायत और निकाय निधि से ही किया जाना है।

कन्फ़्यूज़न हुआ होगा जनपद सीईओ को समझा देंगे: विभाग 

जब गोहद जनपद सीईओ द्वारा सचिवों से मांगे जा रहे नगद 5 हजार रुपयों के बारे में सवाल किया तो उनका कहना था कि, सीईओ शाक्य को शायद ग़लत फ़हमी हो गई होगी। जिला कार्यालय से झंडों की ख़रीदी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह एक हालत फ़हमी हैं। जब उनसे इस मामले में जांच कराने के सम्बंध में सवाल किया तो उनका कहना था की इसमें जांच जैसा कुछ नहीं है, कन्फ़्यूज़न होगा, हम जनपद सीईओ को समझा देंगे। ज़िम्मेदार अधिकारी द्वारा पंचायत सचिवों के ग्रूप पर सार्वजनिक मेसेज कर रुपयों की मांग और फिर ज़िला पंचायत सीईओ द्वारा इस ग़लतफ़हमी बताना और जांच या शोकोज नोटिस देने की बजाय उनके बचाव में उतरना कहीं ना कही संदेहास्पद है।

अब सरकार की मंशा के अनुसार गरीबों के घर मुफ़्त झंडे लगने हैं, जिनका भुगतान भी सरकारी मद से होगा। तो पंचायत सचिवों से किस बात के रुपय मांगे जा रहे हैं। ये तो सोचने वाली बात है।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Devendra Singh

Recommended News

Related News