चिटफंड कंपनियों ने सैकड़ों लोगों को लगाया करोड़ों का चूना, लॉकडाउन के बहाने ऑफिस बंद कर भागे

1/8/2021 3:50:36 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): राजधानी भोपाल के गुनगा थाना क्षेत्र में सैकड़ों ग्रामीणों के साथ कम समय में पैसा डबल करने के नाम पर दो चिटफंड कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। कंपनियों द्वारा ठगे जाने के बाद फरियादीगण पुलिस की शरण में आए हैं। पुलिस ने आरोपियों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

दो दर्जन से ज़्यादा गाव के ग्रामीण हुए हैं शिकार
दरअसल गुनगा थाना क्षेत्र के दो दर्जन गांव के एक सैकड़ा से अधिक किसानों और ग्रामीणों को पांच साल में पैसा दोगुना करने के नाम पर दो चिटफंड कंपनियों ने करीब पांच करोड़ का चूना लगा दिया है। चार साल पहले दोनों कंपनियों के अधिकारियों ने गांव जाकर लोगों से संपर्क कर उनको ग्राहक बनाया था। इसके बाद उन्ही ग्राहकों को अपनी चिटफंड कंपनी का एजेंट बनाकर करीब पांच करोड़ की वसूली कराई। वही मैच्योरिटी डेट आने से पहले ही दोनों कंपनियां भोपाल स्थित अपने-अपने कार्यालयों में ताला लगाकर चंपत हो गई हैं। एक कंपनी के मालिक इंदौर और दूसरी कंपनी के संचालक देवास के रहने वाले बताए मिलाकर जा रहे हैं। गुनगा थाना पुलिस ने दोनों मामलों में अलग-अलग धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

कंपनियां एफडी करने पर पांच साल में डबल कर रही थी पैसा
पुलिस के अनुसार ग्राम काछी बरखेड़ा निवासी संतोष चौकसे से करीब साढ़े चार साल पहले गिरिराज पाण्डेय, दीपक शर्मा व अन्य लोग गांव आकर मिले थे। गिरिराज ने खुद को  जी लाइफ इंडिया कंपनी का सीएमडी बताया था। एफडी के माध्यम से पैसे जमा करने पर पांच साल में दोगुना करने का झांस दिया था। संतोष चौकसे ने पहले खुद पैसा जमा किया, फिर कंपनी का एजेंट बनकर करीब एक सैकड़ा ग्रामीणों से करीब चार करोड़ रुपए जी लाइफ इंडिया के खाते में जमा करा दिए।

लॉकडाउन का सहारा लेकर कंपनियों ने भोपाल स्थित अपना कार्यालय बंद किया
लॉकडाउन से पहले तक तो सब कुछ ठीक था लेकिन लॉकडाउन के दौरान कंपनियों ने अपने भोपाल स्थित ऑफिस को बंद कर दिया। इसके बाद से कोई अधिकारी ग्राहकों के संपर्क में नहीं आ रहा और न ही किसी का पैसा लौटा रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में गिरिराज पाण्डेय, दीपक शर्मा, अशोक दुवे, आरएस वर्मा, जितेंद्र तिवारी, महेश, सुनील शर्मा, किशोर व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज लिया है। इसी तरह मूलत: देवास निवासी योगेश गुर्जर खुद को एचबीएन चिटफंड के कंपनी का खुद को सीएमडी बताता था। उसने राहुल, राजेन्द्र, सुनील व अन्य के साथ मिलाकर गुनगा थाना क्षेत्र के आधा सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों के करीब 80 लाख रुपए बीते चार साल में जमा कराए हैं। उक्त कंपनी भी पांच साल में पैसा डबल करने का झांसा देती थी। इस मामले में ग्राम रतुआ निवासी राजेश मालवीय फरियादी है। राजेश पहले उक्त चिटफंड कंपनी में पैसा जमा कराया था, इसके बाद एजेंट बनकर खुद लोगों से पैसा जमा कराने लगा। दोनों चिटफंड कंपनियों के मालिकान अन्य अधिकारी कंपनी को आरबीआई में रजिस्टर्ड बताते थे।


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meena

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