आम महिला के तरह बाजार पहुंचीं कलेक्टर मैडम, छोटी दुकानों से की बड़ी खरीददारी, कुम्हारों से की बातचीत
Tuesday, Oct 21, 2025-01:26 PM (IST)
बड़वानी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “स्वदेशी अपनाओ” अभियान को बड़वानी जिले में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर साकार किया। दीपावली के अवसर पर जिले की कलेक्टर जयति सिंह, अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, और नगर पालिका अध्यक्ष बसंती बाई यादव सभी ने स्थानीय बाजारों से सामान खरीदकर स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने का संदेश दिया।
कलेक्टर जयति सिंह ने स्थानीय बाजार में की खरीदारी
बड़वानी कलेक्टर जयति सिंह ने अपर कलेक्टर के.के. मालवीय और एसडीएम भूपेंद्र रावत के साथ रविवार शाम शहर के बाजार का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने स्थानीय कुम्हारों से मिट्टी के दीये खरीदे और दुकानदारों से उनके परिवारों व आजीविका के साधनों की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि त्योहारों पर हमें अपने स्थानीय दुकानदारों से ही खरीदारी करनी चाहिए, ताकि उनकी आजीविका भी सुरक्षित रहे और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो।
अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य भी पहुंचे बाजार
अंतर सिंह आर्य, जिन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है, ने दीपावली पर्व पर स्थानीय दुकानों से पूजन सामग्री, दीये, झाड़ू और रंगोली खरीदी। उन्होंने कहा “मैंने संकल्प लिया है कि मैं केवल स्थानीय कारीगरों और लघु व्यापारियों से ही सामान खरीदूंगा। जब हमारे व्यापारी उन्नत होंगे, तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा।”
नगर पालिका अध्यक्ष बसंती बाई यादव ने भी खरीदे स्वदेशी दीये
सेंधवा नगर पालिका अध्यक्ष बसंती बाई यादव ने भी स्थानीय दुकानदारों से दीये खरीदे और कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘स्वदेशी अपनाओ’ अभियान चला रहे हैं। हमें अपने कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा देना होगा।”
सांसदों ने भी किया लोकल सपोर्ट
राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा जाने से पहले लोकल बाजार में खरीदारी की, वहीं खरगोन-बड़वानी लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने भी “वोकल फॉर लोकल” मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के इस कदम से न केवल स्थानीय दुकानदारों में उत्साह दिखा, बल्कि आम नागरिकों को भी स्थानीय उत्पादों के उपयोग के लिए प्रेरणा मिली। दीपावली से पहले जिले में “लोकल खरीदो – देश बनाओ” का संदेश गूंजता रहा।

