देश का पहला तितली पार्क बैतूल में... जंगल के बीचोंबीच रंग बिरंगी तितलियों को निहार सकेंगे पर्यटक

Thursday, Nov 20, 2025-07:24 PM (IST)

बैतूल (रामकिशोर पंवार) : बैतूल, यूं तो देश - दुनिया में एक नहीं अनेक तितली पार्क है लेकिन भी तितली पार्क शहरी एवं ग्रामिण आबादी के करीब में स्थापित किए गए है। मध्यप्रदेश - महाराष्ट्र की सीमा में बसे आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले के संरक्षित वन क्षेत्र में एक राष्ट्रीय स्तर के तितली पार्क बनाने की योजना है, जो ताप्ती कंजर्वेशन क्षेत्र का हिस्सा होगा। यह पार्क विभिन्न प्रजातियों की तितलियों को प्रदर्शित करेगा, जो घने जंगलों के बीच देश - दुनिया के पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण होगा। बैतूल और मुलताई के वनमंडल को मिलाकर बनाए जा रहे प्रदेश के पहले ताप्ती कंजर्वेशन क्षेत्र के संरक्षित वन भाग में पर्यटकों को विभिन्न प्रकार की तितलियों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर प्रदान करना। इस कंजर्वेशन क्षेत्र में तीन प्रमुख सफारी मार्ग और एक रिवर ट्रैक सफारी भी शामिल है।

बैतूल के विधायक एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल इस तितली पार्क को अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के रूप में महुपानी के जंगलों में बनवाने के लिए प्रयासरत है। जिले के पश्चिम और दक्षिण वन मंडल को मिलाकर 250 वर्ग किमी का हिस्से को प्रदेश का पहला ताप्ती कंजर्वेशन घोषित किया है। इसमें 224.84 वर्ग किमी आरक्षित वन और 25.156 वर्ग किमी में संरक्षित वन है। ताप्ती कंजर्वेशन में जहां पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के समीपवर्ती क्षेत्र के एक संरक्षित क्षेत्र को दूसरे से जोड़ा जाएगा। इसमें तीन सफारी मार्ग बनाए जाने का प्लान है। जानकार सूत्रों के अनुसार महुपानी को को पहला द्वार बनाया जाएगा। बैतूल एवं मुलताई विधानसभा के साथ - साथ भैसदेही विधानसभा क्षेत्र से बहने वाली जिले की जीवन रेखा पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती नदी के किनारे बनने वाले इस राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों में आने वाले पर्यटकों को आदिवासी परंपराओं से परिचित करवाने के लिए तीन सांस्कृतिक ट्रैक बनाएं जाएंगे। संरक्षित वन में तितली पार्क भी बनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रजाति की तितलियां पर्यटक देख सकेंगे।

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ताप्ती एवं उसकी सहायक नदियों के रास्ते मानसून पथ बनाकर पर्यटकों के लिए नाव सफारी की भी आगामी योजनाएं है। इसका नोटिफिकेशन होने के बाद वन विभाग इसका प्लान बनाने में जुटा है। जिले के 250 वर्ग किमी में जिले के भीमपुर, बैतूल और भैंसदेही क्षेत्र स्थित हैं। यहां पर ताप्ती संरक्षण रिजर्व में 5 आरक्षित वन,6 संरक्षित वन शामिल हैं। दक्षिण वन मंडल के आमला के ताप्ती परिक्षेत्र तथा पश्चिम वन मंडल के तावड़ी और चिचोली परिक्षेत्र शामिल हैं। ताप्ती कंजर्वेशन का प्रमुख उद्देश्य प्रस्तावित संरक्षित क्षेत्रों के चारों ओर सुरक्षा बढ़ाना है। इसके अलावा स्थानीय समुदायों के हितों को वन्यजीव संरक्षण और आवास सुरक्षा से जोड़ना और पर्यावरणीय व सामाजिक, आर्थिक रुप से सतत विकास करना है। इसके अलावा कृषि, औद्योगीकरण और शहरी विस्तार से बढ़ते भूमि उपयोग परिवर्तन, अति चराई और अवैध वनोपज संग्रह करना है। ताप्ती कंजर्वेशन के संरक्षित वन में जिले में ताप्ती, सास-बहू, निशाना तथा बैतूल नदी आती हैं। वन विभाग द्वारा बनाए प्लान के अनुसार नदी पथ पर पर्यटक पैदल यात्रा कर सकेंगे। बारिश के मौसम में नदी के रास्ते मानसून पथ भी बनाए जाने का प्लान है। यहां पर चारों नदी में रिवर ट्रैक होगा। नदी में नाव सफारी भी होगी। इस इलाके में केरपानी में पर्यटकों के लिए ताप्ती व्यू पाइंट बनाया गया है।

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इसके अलावा एक स्थान पर और बनाया जाएगा। वन परिक्षेत्र के आदिवासियों को रोजगार से जोड़ने की भी है योजना ताप्ती कंजर्वेशन रिजर्व बनने से स्थानीय लोगों को भी रोजगार से जोड़ने की योजना है। स्थानीय आदिवासी समुदाय को महुआ बीनना, तेंदुपत्ता संग्रहण, जलाऊ लकड़ी उपयोग के लिए लाना, काष्ठ लाभांश, सभी यथावत रहेंगे। यहां पर इको पर्यटन की संभावना बढ़ने से स्थानीय लोगों को टूरिस्ट गाइड, सफारी ड्राइवर, होम स्टे, आदिवासी पारंपरिक व्यंजनों और आदिवासी संस्कृति को दिखाने का मौका मिलेगा। ताप्ती कंजर्वेशन क्षेत्र में आगामी दिनों में पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक ट्रैक भी होगा। यहां पर वनग्राम में सांस्कृतिक पदयात्रा भी कर सकेंगे। इसके अलावा कैनोपी चलना, बास ब्रिज वाक, तारा निहारना, वाच टावर तथा तीन सफारी मार्ग भी होंगे। चार जगहों पर द्वार भी बनेंगे। लोगों को रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। जिले के दक्षिण और पश्चिम वन मंडल को जोड़कर ताप्ती कंजर्वेशन बनाया गया है। इसका नोटिफिकेशन हो चुका है। इसके लिए आगामी प्लान बनाया जाएगा। जिसमें सारी सुविधाओं को ध्यान में रखा जाएगा।

जबसे ताप्ती कंजर्वेशन का नोटिफिकेशन होने के बाद इस ताप्ती संरक्षण रिजर्व के 5 आरक्षित वन,6 संरक्षित वन क्षेत्र के आसपास की जमीनों के भाव आसमान छूने लगे है। बैतूल जिले के इस  रिर्जव क्षेत्र के करीब होम स्टे और रिर्सोट के तीन दर्जन से अधिक प्रस्ताव आ चुके है। संरक्षित वन क्षेत्र के एवं बाहर के आदिवासियों की जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीदी - बिक्री होते ही इस क्षेत्र में पर्यटक पूंजीपतियों का अंधे कारोबार का केन्द्र बनेगें। जिले में अनेक रिर्सोट के लिए जिले के अलावा नागपुर एवं अमरावति के चिकित्सा एवं ज्वलेर्स की दिलचस्पी देखने को मिलने लगी है। हर रोज कोई न कोई कारोबारी बैतूल जिले के बहुप्रतिक्षित राष्ट्रीय ताप्ती कंजर्वेशन तितली पार्क एवं अभ्यारण के लिए संरक्षित जंगलो के बीच उम्मीद तलाशते देखे जा रहे है।


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Content Writer

meena

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