14 साल तक जंगलों में रही, अब चुना विकास का रास्ता - नक्सली कमला सोड़ी ने हथियार डाल कहा ‘अब बस शांति चाहिए

Thursday, Nov 06, 2025-12:59 PM (IST)

खैरागढ़। (हेमंत पाल): छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में शुक्रवार को पुलिस को बड़ी सफलता मिली। 17 लाख रुपए की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (आयु 30 वर्ष) ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। यह आत्मसमर्पण न केवल पुलिस की रणनीतिक सफलता है, बल्कि शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 और विकास आधारित नक्सल उन्मूलन अभियान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

14 वर्षों तक नक्सली संगठन में सक्रिय

कमला सोड़ी वर्ष 2011 से प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से जुड़ी थी। वह माड़ डिवीजन और एमएमसी (मध्य प्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़) जोन में सक्रिय थी और एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में काम करती थी।

इस दौरान उसने संगठन में भर्ती, प्रचार, खुफिया जानकारी जुटाने, और पुलिस बलों पर हमले की योजनाएं तैयार करने में भूमिका निभाई। उस पर तीनों राज्यों की पुलिस ने कुल 17 लाख रुपये का संयुक्त इनाम घोषित कर रखा था।

सुकमा की रहने वाली, सीमावर्ती इलाकों में थी सक्रिय

कमला सोड़ी मूल रूप से ग्राम अरलमपल्ली, थाना दोरनापाल, जिला सुकमा (छत्तीसगढ़) की निवासी है। वह लंबे समय से छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गोंदिया जिला) और मध्य प्रदेश के सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय रही।

सूत्रों के मुताबिक, वह माओवादी संगठन के मिलिट्री विंग से जुड़ी रही और कई बार पुलिस अभियानों के दौरान उसका नाम सामने आया, लेकिन हर बार वह जंगलों की आड़ लेकर बच निकलती थी।

PunjabKesariशासन की नीतियों और विकास कार्यों से बदला माहौल

हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में विकासोन्मुखी योजनाओं, सिविक एक्शन कार्यक्रमों, सड़क और नेटवर्क विस्तार जैसे प्रयासों से ग्रामीणों में शासन के प्रति विश्वास का माहौल बना है।

सुरक्षा बलों की जनसंवाद और जनसंपर्क मुहिम ने कई नक्सलियों को हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। इसी मुहिम से प्रभावित होकर कमला सोड़ी ने भी हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

आत्मसमर्पण के साथ मिला पुनर्वास का रास्ता

आत्मसमर्पण के बाद कमला सोड़ी को छत्तीसगढ़ शासन की नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि तुरंत प्रदान की गई है। इसके अलावा, पुनर्वास नीति-2025 के अंतर्गत उसे आवास, प्रशिक्षण, सुरक्षा और आजीविका सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।

पुलिस अधीक्षक बोले यह बदलते दौर की मिसाल

खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के पुलिस अधीक्षक लक्ष्य शर्मा ने कहा 

कमला सोड़ी का आत्मसमर्पण हमारी नीति और निरंतर प्रयासों का परिणाम है। अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोग विकास, शिक्षा और शांति के रास्ते को अपनाने लगे हैं। यह आत्मसमर्पण सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि बदलते दौर की मिसाल है।

उन्होंने कहा कि कमला सोड़ी का निर्णय उन अन्य नक्सलियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगा, जो अभी भी जंगलों में सक्रिय हैं और हथियारों के साए में जीवन जी रहे हैं।


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Content Editor

Himansh sharma

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