भरी सभा में फफक कर रो पड़ी दबंग विधायक रामबाई, बोली- मेरे पति और देवर को कांग्रेस-बीजेपी ने झूठे केस में फंसाया
Friday, Dec 23, 2022-12:54 PM (IST)

देवास (इम्तियाज़ चिश्ती) : पथरिया से बसपा की दबंग विधायक रामबाई परिहार भरी सभा में फफक फफक कर रोते हुए दिखी। आखिर ऐसा क्या हुआ जो मंच से ही उनका दर्द छलक उठा। जी हां पति और देवर के जेल में बंद होने और बेटे के एक्सीडेंट की वजह से दुखी विधायक के पहली बार भरी सभा में आंसू छलक उठे। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के लोग मिलकर मेरे पति और देवर को बाहर नहीं निकलने देना चाहते हैं। उनके आंसू देखकर क्षेत्र की जनता ने ढांढस बंधाया और तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया। रामबाई ने कहा कि मैं दु:खी जरूर हूं, लेकिन टूटी नहीं हूं।
मध्यप्रदेश की राजनीति में एक अलग पहचान क़ायम किए ऐसी दबंग महिला विधायक रामबाई परिहार जो सत्ता में ना होने के बावजूद अकेले ही अपने क्षेत्र की ग़रीब जनता के लिए हर वक़्त बीच मैदान में उतर आती हो आज ऐसा क्या हुआ कि उनको एहसास हुआ कि वो तन्हां है, उनके परिजन देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में जेल में बंद हैं उन्हें जमानत नहीं मिल रही, और बेटे का जब से एक्सीडेंट हुआ तब से वो ठीक से चल नहीं सकता। बस यही एक दर्द आज जनता के सामने ज़ाहिर क्या किया कि मंच से बोलते बोलते उनकी ज़ुबान लड़खड़ाने लगी और दिल में छिपा दर्द सामने आ गया। अवसर था संत गाडगे महाराज की जयंती का। उनके निवास पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें बसपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
इसी दौरान पथरिया विधायक ने कहा कि लोग कहते हैं कि क्या आप भाजपा या कांग्रेस से चुनाव लड़ेंगी? तो मैं कहती हूं कि कांग्रेस और भाजपा में मैं कभी नहीं जाऊंगी। चाहे कुछ भी हो जाए। यहां वहां जाने का सवाल ही नहीं उठता। लोग चर्चा करते हैं कि अब रामबाई को बीएसपी से टिकट भी नहीं मिलेगी, उनके साथ कोई नहीं है वह किसी पार्टी से चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। उनके परिवार वाले जेल में बंद हैं। तो मैं आप लोगों को बता दूं कि चाहे कोई भी अंदर हो या बाहर हो, मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं। जब से मैंने अपने घर के इतने लोगों को देखा है कि किस तरह उन्हें झूठा फंसाया गया आज मेरे पैर जमीन पर खड़े होने लायक नहीं हैं लेकिन जब मैं आपको देखती हूं तो लगता है कि मैं अकेली नहीं हूं। बस इतना कहना था कि आंख भर आईं और उनके परिजनों के जेल में बंद होने का दर्द भी सामने आ गया।
रामबाई ने अपनी क्षेत्र की जनता को कहा कि उनके पति उनके देवर उनके भाई जेल में बंद हैं। इसके बावजूद ऐसा कभी नहीं हुआ कि मैं कभी आपसे दूर रही हूं। मैंने आपके कभी काम न किए हो, कभी किसी की समस्याएं हल न की हो। मेरे बेटे का एक्सीडेंट हुआ। 1 साल तक मैं खुद परेशान रही हूं। मेरा बेटा अभी भी ठीक से चल फिर नहीं सकता, मैं दु:खी जरूर हूं, लेकिन टूटी नहीं हूं। मेरे पति और देवर झूठे केस में जेल में बंद हैं लेकिन भाजपा और कांग्रेस के लोग मिलकर उन्हें बाहर नहीं निकलने देना चाहते हैं। फिर भी मैं जनता की सेवा में अकेले दम से खड़ी हूं और मरते दम तक अपने कर्म से पीछे नहीं हटूंगी। इतना कहना था कि सभा में मौजूद जनता ने तालियां बजाकर रामबाई का हौसला और ढांढस बंधाया।