PM आवास योजना का बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, कलेक्टर के अप्रूवल के बिना अधिकारियों ने चहेतों को दिया लाभ, कंप्यूटर ने खोले राज

Tuesday, Aug 22, 2023-06:49 PM (IST)

दमोह (इम्तियाज चिश्ती): दमोह मध्यप्रदेश का एक ऐसा जिला है जहां की नगरपालिका के कारनामें पूरे प्रदेश में सबसे जुदा सबसे अलग हैं। यहां पदस्थ कर्मचारियों की कार गुजारियां ऐसी कि भ्रष्टाचार भी इनके सामने शरमा जाए। मनमानी का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इनको ना जिले के मुखिया दमोह कलेक्टर का कोई खौफ नहीं और ना संभाग में बैठे किसी जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों का डर। सब कुछ मैं... की तर्ज़ पर काम करने वाले हैं नगरपालिका दमोह के कर्मचारी अधिकारी। अधिकारियों कर्मचारियों ने सांठगांठ कर प्रदेश के सबसे बड़े व्यापम घोटाले की तर्ज पर प्रधानमंत्री आवास योजना में एक बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। इस फर्जीवाड़े में सीएमओ से लेकर आवास कर्मचारी व कांग्रेस परिषद के सभापति सहित सभी की भूमिका संदिग्ध नज़र आ रही है।

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इसका बात का खुलासा नगरपालिका के ही एक कंप्यूटर ने कर दिया। महिला कंप्यूटर ऑपरेटर ने ख़ुद सारे नाम बता दिए उस सूची में जो अभी कलेक्टर द्वारा अनुमोदन ही नहीं हुए और उन्हें पेमेंट जारी भी हो गई।

भले ही प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग़रीबों के हित में कितनी भी लाभकारी योजनाएं लाए लेकिन यहां बैठे अधिकारियों को सीएम का डर ना कलेक्टर का खौफ़। जबकी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ जिले के कलेक्टर द्वारा जारी अनुमोदन के बाद ही पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाता है लेकिन यहां दमोह नगरपालिका में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों ने कलेक्टर के अनुमोदन के बिना ही चहेतों को फ़र्जी तरीके से योजना का लाभ दे दिया।

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हैरत की बात तो ये हैं कि जो लिस्ट दमोह कलेक्टर ने अनुमोदित ही नहीं की उन नामों को भी यहां के कंप्यूटर आपरेटरों ने खुद ही लिस्ट बनाकर राशि जारी करदी। इन्हें ना कलेक्टर द्वारा अनुमोदन कराने की आवश्यकता पड़ी और ना एस डी एम और आर आई पटवारी द्वारा जांच की जरूरत समझी। जब इस संबंध में नपा के आवास प्रभारी प्रंजाल राय और नगरपालिका सीएमओ भैया लाल से बात करनी चाही तो पंजाब केसरी के सवालों से बचते नज़र आये।

पहले तो हाथ जोड़कर कहते है मुझे कोई जबाब नहीं देना फिर सीएमओ भैया लाल ने तो यहां तक बोल दिया दिखा दो कि सीएमओं ने बोलने से इनकार किया। इतना हौसला किसके इशारे पर आया यह भी एक बड़ा सवाल है। गौर करने वाली बात यह है कि इन वार्ड के वार्ड पार्षदों का भी मानना है कि ये नाम तो हमने दिए ही नहीं है इन्हें कैसे लाभ मिला पता नहीं।

वहीं नगरपालिका में कांग्रेस से सभापति प्रतिनिधि ने बताया यह सब भाजपा के दबाव में हुआ हम लोग जिम्मेदार नहीं। इस पर सत्ता पक्ष कैसे खामोश रहती भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी ने पलटवार करते हुए कहा कि नगरपालिका कांग्रेस की घोटाला भी कांग्रेस के पार्षदों सभापति ने किया। इस खेल की जानकारी जब जिले के मुखिया दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल को दी। उन्होंने कहा हमारे सामने कोई भी शिकायत आती है तो हम उसकी जांच कराएंगे।


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meena

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