तीन दिन में एक ही परिवार के 3 मासूम बच्चों की मौत, भूत प्रेत के डर से कराई झाड़ फूक, जानिए क्या बोले डॉक्टर

12/23/2022 6:45:52 PM

मुरैना(जुनैद पठान): मुरैना जिले के कैलारस में एक मां-बाप के तीन सगे बच्चे जिनमें दो बहन व एक भाई शामिल था। अचानक मौत की नींद सो जाते हैं। मानों उनका ईश्वर उनसे रूठ गया हो और उनका सब कुछ एक साथ छीन लिया। एक मां बाप के लिए इससे बड़ा दुःख और क्या होगा यह शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल होगा। कैलारस क्षेत्र में एक दंपती इसी दर्द से गुजर रहा है। तीन दिन के भीतर उनके तीनों मासूम बच्चों की मौत हो हो जाती है। एक के बाद एक तीनों की अचानक तबीयत खराब हुई, बुखार आया फिर झटके आने लगे और फिर देखते ही देखते तीनों मौत की नींद सो गए।

दरअसल मुरैना के कैलारस विकास खंड के भिलसैंया गांव के रहने वाले कल्याण यादव के पांच बच्चों में तीन साल की सुमन 17 दिसंबर को बुखार आया। फिर उसे झटके आने लगे दवाई दिलवाई और झाड़-फूंक भी करवाई। इसके बाद अस्पताल ले गए। इसी बीच 19 दिसंबर को 6 साल की दूसरी बेटी राधिका को भी झटके आने लगे। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 21 दिसंबर को 17 माह का बेटा विपिन बीमार हुआ, उसने माता-पिता के सामने ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में भर्ती होने के पांच दिन बाद 22 दिसंबर को इलाज के दौरान सुमन की मौत भी हो गई।

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परिजन का कहना है

जब तीन साल की सुमन बीमार हुई तो उसे झटके आ रहे थे। कल्याण और उसकी पत्नी को लगा कि भूत-प्रेत या देवीय प्रकोप है। उन्होंने झाड़-फूंक करने वाले ओझा को बुला लिया। जब आराम नहीं लगा तो बेटी को कैलारस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। यहां से ग्वालियर के कमलाराजा हॉस्पिटल भेज दिया, लेकिन जान नहीं बच सकी। बड़ी बेटी राधिका के सिर में सूजन थी और झटके आ रहे थे। उसे भी ग्वालियर में भर्ती कराया था। 17 माह के विपिन ने तो मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। तीनों बच्चों को खोने के बाद माता-पिता सदमे में हैं।

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शिवपुरी में झाड़ फूक करवाई

कल्याण यादव के कुल पांच बच्चे थे। बेटी 6 साल की राधिका। बेटी तीन साल की सुमन और बेटा 17 माह विपिन था। राधिका, सुमन और विपिन की मौत हो गई। परिवार को डर है कि घर पर भूत-प्रेत का साया है। दोनों बड़ी बेटियों की भी तबीयत खराब है। डर के कारण उन्होंने दोनों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। पत्नी रचना को झाड़-फूंक के लिए शिवपुरी में ओझा के पास भेजा है। परिवार को डर है कि अब रचना को नुकसान पहुंच सकता है। तीन बच्चों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है। सभी सांत्वना देने कल्याण के घर पहुंच रहे हैं।

गांव के बाहर बने देवी के मंदिर से जोड़ रहे कहानी

भिलसैंया गांव के बाहर देवी का मंदिर है। गांव के लोग और कल्याण यादव अपने घर में हुई बच्चों की मौत को देवी के मंदिर से जोड़ रहे हैं। जब डॉ. महेंद्र यादव गांव में पहुंचे तो बड़ी संख्या में ग्रामीण इसी मंदिर पर मौजूद थे। उनका कहना है कि ग्रामीण ही देवी प्रकोप की बात कहकर कल्याण को डरा रहे हैं। इधर, गांव वालों का कहना है कि कुछ साल पहले भी इसी तरह से गांव में दो-तीन लोगों की मौत हुई थी। कल्याण के तीनों बच्चों को झटके आ रहे थे। झटके आने से गांव के लोगों को विश्वास हो चुका है कि यह कोई बीमारी नहीं है।

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इनका कहना है

डॉ. राकेश शर्मा भी गांव में पहुंचे। उन्होंने कल्याण यादव को समझाया कि भूत-प्रेत कुछ नहीं है, लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं है।

अब जानिए इस मामले में डॉक्टरों का क्या कहना है...

डॉक्टर आशंका जता रहे हैं कि तीनों बच्चों को दिमागी या चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) हो सकता है। इसकी वजह से बच्चों को झटके आ रहे थे। डॉ. महेंद्र यादव ने बताया कि कल्याण यादव के घर के आसपास साफ-सफाई है। गांव के सभी घरों के लोग एक ही कुएं का पानी पीते हैं, जिसे मोटर के जरिए निकाला जाता है। इलाके की साफ-सफाई को देखकर यह कहना मुश्किल है कि कोई संक्रमित बीमारी हो सकती है।

CMHO डॉ. राकेश शर्मा ने बताया कि कल्याण यादव के बच्चों की मौत किस वजह से हुई यह कहना अभी मुश्किल है। बीमारी का पता लगा रहे हैं। संभवत: दिमागी या चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) था। ये बुखार धीमी गति से बढ़ा होगा, जिससे मौत हो गई। परिवार को समझाया कि बच्चों की मां को भी खतरा है, दो बच्चियों और मां की सभी जांच कराना पड़ेगी। खासकर ब्रेन का सीटी स्कैन, इसी से बीमारी का पता लगाया जा सकता है।


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Content Writer

meena

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