दिल्ली ब्लास्ट मामले में आरोपी जवाद सिद्दीकी के मकान तोड़ने की कार्रवाई रुकी, हाई कोर्ट ने 15 दिन का स्टे दिया

Friday, Nov 21, 2025-02:25 PM (IST)

इंदौर (सचिन बहरानी): अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी के महू स्थित मकान को तोड़ने की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लग गई है। महू कैंट बोर्ड के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने 15 दिनों का अंतरिम स्टे आदेश जारी किया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगले 15 दिन तक किसी भी तरह की तोड़फोड़ या कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।

याचिका में क्या कहा गया?
मकान में रह रहे अब्दुल माजिद की ओर से दायर याचिका में कैंट बोर्ड के नोटिस को चुनौती दी गई थी। याचिका के अनुसार नोटिस में यह स्पष्ट नहीं है कि भवन का कौन-सा हिस्सा अवैध है। नोटिस में 1996-97 के पुराने नोटिसों का हवाला दिया गया है, जबकि वर्तमान स्थिति के अनुरूप कोई ठोस आधार नहीं दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की 2025 गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया, जो ऐसी कार्रवाइयों के लिए अनिवार्य है।

मकान के स्वामित्व पर भी सवाल
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि मकान का स्वामित्व बदल चुका है। पहले जवाद सिद्दीकी के पिता हम्माद सिद्दीकी ने यह मकान उन्हें गिफ्ट किया था। बाद में जवाद सिद्दीकी ने वही मकान अब्दुल माजिद को गिफ्ट कर दिया। तब से माजिद और उनका परिवार वहीं रह रहा है। इसके बावजूद महू कैंट बोर्ड ने तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए नोटिस जारी किया था।

क्या कहा कोर्ट ने?
हाई कोर्ट ने याचिका में उठाए गए तीन मुख्य बिंदुओं, नोटिस में अस्पष्टता, पुराने नोटिसों का सहारा और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन न होना शामिल है। इन्हें ही आधार मानते हुए कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है। अब 15 दिन बाद इस मामले की फिर सुनवाई होगी और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।


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Content Writer

Vikas Tiwari

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