Video:लॉक डाउन में किन्नरों ने नेताओं जनप्रतिनिधियों को छोड़ा पीछे, जरूरतमंद लोगों को बांटा लाखों का

3/30/2020 7:18:28 PM

छतरपुर(राजेश चौरसिया): लॉक डाउन का असर सभी जगह देखने को मिल रहा है, जिसके चलते आम से लेकर खास, हर कोई परेशान है जो भी जिस स्तर का है वह उस स्तर पर मजबूर और परेशान है। बावजूद इसके लोगों में जितना दम है वह एक-दूसरे की मदद करने में लगे हुए हैं। ऐसे में मजबूर लोगों की मदद के लिए किन्नरों की एक वो कर दिखाया है कि जिसे देख कर आप आह और वाह किए बगैर ना रहेंगे। ताजा मामला मध्य प्रदेश बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले का है जहां जनता के नेताओं और जनप्रतिनिधियों को पीछे छोड़ते हुए थर्ड जेंडर (किन्नरों) ने असहाय लोगों का हाथ थामा। छतरपुर की रहने वाली नीतू किन्नर को अपने दौर का सबसे युवा और खूबसूरत किन्नर माना जाता था जो उम्र के इस पड़ाव में भी कायम है, उन्होंने अपने शुरुआती दौर में मुंबई में रहते हुए बहुत नाम कमाया और अब कई वर्षों से अपनी जन्मभूमि पहुंचकर लोगों की सेवा में लगी हुईं हैं।

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कोरोना के कहर के बीच नीतू किन्नर और उनके साथी किन्नर गरीब, असहाय,  जरूरतमंद, मज़बूर और मजदूर लोगों को मदद देने में जुटे हुए हैं। ऐसे समय में जब लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं उन्हें काम भी नहीं मिल रहा जिससे उनके बच्चे भूखों मरने के कगार पर आ गये हैं। ऐसे में नीतू किन्नर सभी जरूरतमंदों को राशन, पानी और उनकी हर जरूरत को पूरा कर रहे हैं उन्हें राशन, पानी से लेकर कपड़े और नगद रूपाये तक बांट रहे हैं। नीतू की मानें तो यह सब लॉक डाउन के पहले दिन से ही जारी है और उनके यहां रोजाना सैकड़ों जरूरतमंदों की यूं ही भीड़ लगती है और वह दिल खोलकर लोगों की मदद करतीं हैं। वहीं इस पहल को लेकर नीतू में जरा भी घंमड नहीं है बल्कि उनका कहना है कि अब तक जनता ने हमें पाला है अब हमारी बारी है कि हम इनकी सेवा कर सकें। यह जो भी है सब इनका ही तो दिया हुआ है जो हम इन्हें सूत समेत वापिस कर रहे हैं। इसमें हमारा कुछ भी नहीं है। सब ऊपरवाला कर रहा है हम सो सिर्फ साधन मात्र हैं। इस जग में हमारा किन्नर समाज का कुछ भी नहीं होता सब इन लोगों का ही होता है। 

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आपकों बता दें कि, नीतू किन्नर आज से नहीं विगत कई वर्षों से ऐसा करतीं आ रहीं हैं। वह हर जरूरतमंद की हरसंभव मदद करती हैं। जो भी इनके दर पर पहुंचता है वह उसे खाली हाथ नहीं जाने देतीं। दुनिया और लोगों की नजरों में भले ही यह शहर, नगर, जिले में बधाई और नेंग के तौर पर लोगों से मांगते नजर आते हैं पर असल में इसका दूसरा पहलू कोरोना के संकट के बीच देखने को मिल रहा है।

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इसके साथ ही यहां जो जरूरतमंद इन तक पहुंच नहीं पाता और इन्हें पता चल जाता है तो यह और इनकीं टीम जरूरतमंद के घर जाकर उन्हें उनकी जरूरत का सामान मुहैया कराते हैं। लोगों की मानें तो नेता, जनप्रतिनिधि, यो सिर्फ नाम के होते हैं जो सिर्फ हमसे लेने आते हैं देने कुछ भी नहीं, वह चुनाव के वक्त तो हमारे घरों तक चले आते हैं और उसके बाद 5 साल तक कहीं नजर ही नहीं आते। इससे बेहतर तो हमारे किन्नर लोग हैं जो हर वक्त हम मजमून, गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिये तत्पर और हर संभव खड़े रहते हैं।


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Edited By

meena

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