उज्जैन नानाखेड़ा बसस्टैंड पर खड़ी बसों में लगी आग, हादसा या साजिश, जांच में जुटा प्रशासन
Thursday, Jun 04, 2020-04:10 PM (IST)

उज्जैन(भरत पाडलिया): लॉकडाउन के कारण काफी समय से इंदौर रोड स्थित नानाखेड़ा बस स्टैंड पर खड़ी नौ बसों में गुरुवार तड़के आग लग गई। घटना नानाखेड़ा थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर घटी। गुरुवार सुबह जब नानाखेड़ा पुलिस को घटना की सूचना मिली तो फायर ब्रिगेड की दमकल मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड ने दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इधर देर रात से अलसुबह तक बारिश भी हो रही थी। जैसे ही बसों में आग लगी वैसे ही यह खबर शहर में फैल गई और यह भी प्रचारित करने की कोशिश की गई कि ट्रांसफार्मर या शार्ट सर्किट की वजह से बसों में आग लगी है। हालांकि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस के ऊपर और अगले हिस्से में कांच तोड़कर पेट्रोल डाल आग लगाई गई है। पुलिस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। एएसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि घटना के सभी बिंदुओं की जांच कर रहे हैं।
रंजिश भी हो सकती है वजह
बसों में आग रंजिश की वजह लगाई जाना प्रतीत होती है। जिसमें मजदूरों को उनके गंतव्य तक छोड़ने के मामले में जो लाखों का घोटाला करने की मंशा से गड़बड़ी की गई है। बसों के मालिकों को आरटीओ से भुगतान के मामले में गड़बड़ी भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर एक शिकायत उज्जैन कमिश्नर आनंद शर्मा को पल्लवी परिवहन द्वारा की गई थी। इसके बाद 70 से 75 लाख का भुगतान रोक दिया गया।
मामले में कलेक्टर व कमिश्नर ने बैठाया जांच दल
बताया जाता है कि मजदूरों को अपने-अपने गंतव्य तक छोड़ने के लिए कई यात्री बसे अधिग्रहित की गई थी और इसके लिए 45 प्रति किलोमीटर की दर सरकारी स्तर पर तय की गई थी, जिसमें दो दूसरे निजी ट्रेवल संचालकों का नाम इस मामले में आया और भुगतान में गड़बड़ी कर लाखों रुपयों का घोटाला करने की साजिश रची गई। पल्लवी परिवहन के संचालक के साथ ही इस तरह की शिकायत बस आपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा भी की गई है, दोनों शिकायतों के बाद कलेक्टर कमिश्नर ने पूरे मामले की जांच बैठा दी है और उज्जैन आरटीओ के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों से भी पूछताछ की है।