बाढ़ की मार: आवक घटने से महंगी हुई सब्जी, बिगड़ा घर की रसोई का बजट

Wednesday, Aug 13, 2025-08:05 PM (IST)

रायसेन (छोटे लाल) : मानसून की मार ने एक बार फिर आम आदमी की रसोई को बजट बिगाड़ दिया है। अप्रैल मई में जो टमाटर 10 रुपए प्रति किलो मिल रहा था, वह अब 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। इसी तरह से सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए हैं, इससे उपभोक्ताओं के बजट पर असर पड़ रहा है। मनमानी का आलम यह है कि शिमला मिर्च, बरबटी, भिंडी जैसी अन्य सब्जी के दाम 60 से 70 रूपए प्रति किलो के भाव पर है। जबकि बीते 15 दिनों में ही टमाटर की कीमतों में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे न सिर्फ आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बढ़ा है, बल्कि होटल ढाबों और रेस्टोरेंट संचालकों की लागत में भी इजाफा हुआ है। सब्जी मंडी के व्यापारियों ने बताया इस बार टमाटर की महंगाई का मुख्य कारण भारी बारिश से फसलों का नुकसान व टमाटर के सीजन का समाप्त हो जाना है।

मौसम की मार के चलते अब सब्जी मंडियों में आवक घट गई है। जिससे कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं। सब्जी आढ़तिया शैतान सिंह अनुराग यादव कालूराम खत्री इरफान राइन गुड्डू राइन राजेश पंथी पहलवान संतोष कुशवाह के अनुसार इस समय सब्जी मंडी में हरी सब्जी की आवक कम है, इसलिए भाव तेज चल रहे हैं। टमाटर का थोक भाव 30 से 35 रुपए प्रति किलो है। जबकि खुदरा बाजार में इसकी कीमत 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। कुछ स्थानों पर अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर 60 रुपए प्रति किलो तक भी बिक रहे हैं। पिछले सप्ताह तक टमाटर थोक में 30 से 40 रुपए किलो बिक रहा था। लेकिन अब यह 45 रुपए किलो के पास पहुंच गया है। फुटकर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि यदि मौसम इसी तरह रहा और मंडियों में आवक नहीं बढ़ी, तो आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और बढ़ सकते हैं। यहां काबिले गौर करने वाली बात यह है कि टमाटर की यह महंगाई कोई नई बात नहीं है। हर साल बारिश के मौसम में जब पुरानी फसल खत्म हो जाती है और नई फसल तैयार नहीं होती, तब यही स्थिति उत्पन्न होती है। फिलहाल राहत की कोई संभावना नहीं है।


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meena

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